नई दिल्ली। ये चुनाव परिणाम हाल ही में हुए आईपीएल के कुछ रोमांचक मैचों जैसे ही सामने आ रहे हैं । जो भाजपा चार सौ पार के नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी, वह पार्टी कई बार बहुमत के जादुई आंकड़े से आगे पीछे होती नज़र आई । हालांकि भाजपा का प्रदर्शन मध्य प्रदेश, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, नयी दिल्ली, उत्तर पूर्वी राज्यों, उत्तराखंड, तमिलनाडु में बहुत शानदार रहा जबकि इडिया गठबंधन ने उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, पश्चिमी बंगाल, केंद्र शासित प्रदेशों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया ।
सबसे चौंकाने वाले परिणाम उत्तर प्रदेश के रहे, जहां अखिलेश यादव व राहुल गांधी की जोड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी को मात दे दी। आधा दर्जन केंद्रीय मंत्री हारते हुए दिख रहे हैं, जिनमें मुख्य तौर पर अभिनेत्री स्मृति ईशानी भी एक हैं ! वे लगातार यह कहती रही कि मैंने अमेठी से राहुल गांधी को भगा दिया । इस अहंकार को एक कार्यकर्त्ता किशोरी लाल ने ही तोड़ते दिखाई दे रहे हैं !
भाजपा को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश में लगता दिखाई दे रहा है, जहां कभी पचासी लोकसभा सीटों में से अस्सी सीटें तक जीतती रही और प्रधानमंत्री बनने का रास्ता निकलता रहा है । बृजभूषण सिंह के बेटे करण सिंह और अनिल मिश्रा टेनी को टिकट देना पचा नहीं पाई जनता के !डबल इंजन सरकार का नारा यहां फेल हो गया । कर्नाटक में कांग्रेस तो राजस्थान में भाजपा विधानसभा वाला प्रदर्शन नहीं दोहरा सकीं । राजस्थान से भाजपा को निराश होना पड़ा। ऐसे ही कर्नाटक में कांग्रेस वैसा प्रदर्शन नहीं दोहरा सकी, जैसी इसको आशा रही ।
दिल्ली में न केवल कांग्रेस बल्कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का जादू भी नहीं चला और सात की सात सीटें भाजपा की ओर जा रही हैं । हरियाणा व पंजाब में किसान आंदोलन, अग्निवीर योजना और महिला खिलाड़ियों का यौन शोषण मामला पूरा पूरा असर दिखा रहा दिखता है । हरियाणा में भाजपा दस की दस सीटें जीतने का दावा करती रही लेकिन अपना प्रदर्शन दोहरा न सकेगी, यह साफ है । पंजाब में भी भाजपा और अकाली दल दोनों को ही हार का सामना करना पड़ रहा है । महारानी परणीत कौर की हार यदि होती है तो इसे पचाना मुश्किल है । महाराष्ट्र में जिस तरह से तिकड़म कर सरकार गिराई गयी, उसका प्रतिरोध सामने आ रहा है ।
हां, हिमाचल में कांग्रेस को झटका लगा है और चारों सीटें हारने की ओर बढ़ रही है । बिहार में इंडिया गठबंधन को खास परिणाम नहीं मिला और उत्तराखंड में कांग्रेस का सूपड़ा साफ रहा । हरियाणा व हिमाचल के लोकसभा परिणामों से इन राज्यों की सरकारों को एक बार फिर गिराने की कोशिशें तेज़ हो सकती हैं । दिल्ली में लगातार अरविंद केजरीवाल व आप को कमज़ोर करने की भाजपा की नीति रंग लाई और सभी सात सीटों पर इंडिया गठबंधन पर सफलता नहीं पा सकी । एक बात तो है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो तंज कस रहे थे कि कांग्रेस विपक्षी नेता का पद पाने लायक सीटें तो जीतकर दिखाये, वह तो नहीं कह सकते ।
चार सौ पार का नारा भी नहीं चला, फिर ही तीसरी बार नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनते दिख रहे हैं । हां, इस बार विपक्ष ही काफी मजबूती से आता दिख रहा है । यह तो स्पष्ट है कि राहुल गांधी की यात्राओं ने कांग्रेस को वापस लाने में भूमिका निभाई । पिछले दस वर्षों से अघोषित आपातकाल का जवाब जनता ने देकर चेतावनी दी है कि संवैधानिक स़स्थाओं का इस तरह सरेआम दुरूपयोग सही नहीं और मीडिया पर नियंत्रण भी कोई अच्छी बात नहीं !
आज जब सारे परिणाम आ जायेंगे, तब निश्चित तौर पर कुछ और कहा जा सकेगा। हां, एक बात साफ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैट्रिक लगाते नज़र आ रहे हैं और विपक्ष भी पहले से मजबूत हुआ है।
लोकतंत्र की जय! इस देश की जनता की जय!