अमेरिका में विदेशमंत्री एस जयशंकर ने कहा, भारत ने माना यूएनएससी में सुधार आसान नहीं

जयशंकर ने कहा कि हम अब उन कुछ देशों में से एक हैं, जिनके पास हमारे सामने रक्षा विकल्पों की एक बहुत विस्तृत श्रृंखला है। संयुक्त राष्ट्र में सुधारों को लेकर उन्होंने कहा कि इन्हें हमेशा खारिज नहीं किया जा सकता, लेकिन भारत यह भी जानता है कि ये सुधार आसान नहीं हैं।

न्यूयार्क। अमेरिका में मीडिया से बात करते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी संबंधों पर अधिक बात की। साथ ही कहा कि भारत ने कभी नहीं माना कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार एक एक आसान प्रक्रिया होगी। जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों देश इस बात को समझते हैं कि हर मुद्दे के हर पहलू पर पूरी तरह से सहमत न होने के बावजूद एक-दूसरे के लिए जगह कैसे बनाई जाए और कैसे काम किया जाए।

एक सवाल के जवाब में एस जयशंकर ने यह भी कहा कि इंडो-पैसिफिक की स्थिरता, सुरक्षा, प्रगति और समृद्धि में भारत और अमेरिका दोनों की विचारधारा समान है…. यूक्रेन युद्ध में हमने देखा है कि बहुत दूर हो रही लड़ाई ने दुनिया भर में अपना प्रभाव छोड़ा है। आज विश्व एक दूसरे पर बहुत निर्भर करता है।

चीन के साथ संबंधों पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमारा चीन के साथ अच्छे संबंध रखने का प्रयास जारी है, लेकिन ये संवेदनशीलता, आपसी सम्मान और आपसी हित पर आधारित है।

इससे पहले जयशंकर ने अपनी लंबी अमेरिका यात्रा के पहले चरण के दौरान न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन में भाग लिया और विश्व के कई नेताओं से मुलाकात की। दूसरे चरण में वे अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन पहुंचे और वहां विदेशी मंत्री एंटनी ब्लिंकन, रक्षा मंत्री ऑस्टिन, एनएसए जेक सुलिवन समेत कई अमेरिकी नेताओं से आपसी व वैश्विक मुद्दों पर बात की।