न्यूयार्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक बैठक में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत को लेकर “शांति“ की बात की थी। भारत ने उसका पलटवार किया है। न्छळ। के 77वें सत्र में भारत ने ’राइट टू रिप्लाई’ का प्रयोग किया। भारतीय राजनयिक मिजिटो विनिटो ने पाकिस्तान को आत्मनिरीक्षण करने की याद दिलाई। जोर देकर कहा, जम्मू-कश्मीर पर दावा करने के बजाय, इस्लामाबाद को “सीमा पार आतंकवाद“ को रोकना चाहिए। अपने देश में चल रहे कुकर्मों को छिपाने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने इस मंच का खुले रूप से दुरुपयोग किया है।
भारतीय राजनयिक मिजिटो विनिटो ने कहा कि पाकिस्तान को भारत के खिलाफ झूठे आरोप लगाने से पहले खुद की काली करतूत के बारे में बताना चाहिए। विंटो ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर पर दावा करने के बजाय इस्लामाबाद को सीमा पार आतंकवाद को रोकना चाहिए।
#WATCH | "…Desire for peace, security in Indian subcontinent real, can be realized. That'll happen when cross-border terrorism ceases, govts come clean with int'l community&their people, minorities aren't persecuted", Mijito Vinito, First Secy, India Mission to UN #UNGA pic.twitter.com/NZWKjrjiwh
— ANI (@ANI) September 24, 2022
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को फिर कश्मीर पर जहर उगला। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा में उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा, 5 अगस्त 2019 को भारत ने एकतरफा और मनमाने ढंग से फैसला लेते हुए अनुच्छेद 370 के जरिये जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया। इसके कारण शांति की उम्मीदें धूमिल हुईं व क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि भारत के साथ युद्ध कोई विकल्प नहीं है।