मिशन व्योममित्र के जरिए अंतरिक्ष में फिर से झंडा गाड़ेगा भारत

नई दिल्ली। 21वीं सदी भारत की है। हर क्षेत्र में भारत नाम कर रहा है। इसरो के मिशन व्योममित्र के माध्यम से अंतरिक्ष यात्री के रूप में भारतीय भी यात्रा पर जाएंगे। इसकी पूरी तैयारी की जा रही है। इसकी जानकारी भारत सरकार की ओर से साक्षा की गई है।

भारत सरकार के अंतरिक्ष विज्ञान विभाग के मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगले वर्ष भारतीय मूल के 1 या 2 मानव अंतरिक्ष में जाएंगे। हमारी गगनयान की तैयारी हो चुकी है। उससे पहले इस साल के अंत तक 2 ट्रायल किए जाएंगे। पहला ट्रायल खाली होगा और दूसरे में एक महिला रोबोट(अंतरिक्ष यात्री) को भेजा जाएगा। जिसका नाम व्योममित्र रखा गया है। इन दोनों मिशन के आधार पर तीसरे मिशन में हमारे अंतरिक्ष यात्री जाएंगे।

दरअसल, मानव अंतरिक्षयान और खोज: वर्तमान चुनौतियां तथा भविष्य घटनाक्रम’ पर एक सेमिनार में मीडिया के सामने मानव के काम कर पाने में सक्षम इस रोबोट (ह्यूमनॉयड) व्योममित्र ने अपना परिचय दिया तो सब चकित रह गए। भारत दिसंबर 2021 में अंतरिक्ष में अपना पहला मानव मिशन भेजने की योजना पर काम कर रहा है। इसके पहले चरण के तहत व्योममित्र को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी है।

इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा संचालित इस ह्यूमनॉयड व्योममित्र ने कुछ इस तरह से अपना परिचय दिया। रोबोट ने कहा, ‘सभी को नमस्कार। मैं व्योममित्र हूं और मुझे अर्ध मानव रोबोट के नमूने के रूप में पहले मानवरहित गगनयान मिशन के लिए बनाया गया है।’