नई दिल्ली। -हे वत्स संजय! आओ, चले आओ!
महाराज धृतराष्ट्र ने संजय की पदचाप सुनते ही आमत्रण दिया ।
-आ गया, महाराज !
-थोड़ा जल पी लो और सांस ले लो। दूर से चलकर आये हो !
-जैसे आप कहें महाराज !
-अब बताओ कैसे कैसे तीर चल रहे हैं चुनाव महाभारत में?
-महाराज, कुछ संकेत तो कल ही हो गया था जब सिरसा कै डेरे के राम रहीम ने पैरोल का निवेदन किया था !
-तो क्या पैरोल मिल गयी ?
-हां महाराज ! घ्याहरवीं बार और आठवीं बार ऐन चुनाव महाभारत के समय में !
-तुमारा संकेत समझ रहा हूँ यानी सत्ताधारी दल ने यह तीर हर चुनाव की तरह चला ही दिया !
-जी महाराज! इस तीर को चलाये बिना चुनाव में रंग कैसा ?
-ठीक कह रहे हो?
-अन्य कौन से तीर चलाये जा रहे हैं?
-वही मंदिर मंदिर के बिना भी जैसे प्रचार सूना !
-कोई अन्य तीर ?
-जीजाजी यानी राबर्ट बाड्रा !
-कोई नया तीर नहीं?
-वह भी पुराना है लेकिन इसका संधान किया है इस बार नयी सांसद व अभिनेत्री कंगना रानौत ने!
-वह कौन सा पुराना तीर है जो नयी नयी सांसद को संधान के लिए दे दिया गया है?
-किसान आंदोलन की निंदा, आलोचना करना!
-तो क्या विपक्षी शिविर चुप्पी धारण किये है, संजय?
-नहीं महाराज! विपक्ष भी जवान, किसान और महिला पहलवान को लेकर सत्तापक्ष को घेरने के प्रयास मैं है ! यहां तक कि एक महिला पहलवान विनेश फौगाट को तो रणभूमि में उतारा भी है कांग्रेस ने !
-महिला पहलवान क्या पटखनी दे पायेगी ?
-कुश्ती में तो बेशक वह सौ ग्राम से रह गयी पर महाराज इस राजनीतिक अखाड़े में कुछ अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है । यहां तो बढ़ा वजन बहुत काम आ रहा लगता है ।
-और कौन आया हरियाणा के रण में ?
-वे आईं जो तुलसी तेरे आंगन की और फिर संसद की शान रही और अब अमेठी से हारकर पृष्ठभूमि में चली गयीं स्मृति ईरानी भी आई़ं!
-क्या वे चूड़ियां पहने हुए थीं?
-जी महाराज! यह कैसा सवाल?
-भूल गये कि रसोई गैस के सिलेंडर का मूल्य पांच रुपये बढ़ने पर चूड़ियां उतर कर उस समय के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भेज दी थीं, अब गैस सिलेंडर एक हज़ार के पास पहुंच गया और स्मृति ईरानी चूड़ियां पहने घूम रही हैं तो घोर आश्चर्य ! अब जाओ संजय! बहुत दुखी हूं! इस युद्ध के तीरों से छलनी हो गया हूं जैसे !