नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर युवाओं को नया मंत्र दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीधेतौर पर राजनीतिक वंशवाद को लोकतंत्र का ‘‘सबसे बड़ा दुश्मन’’ करार दिया और इसे जड़ से उखाड़ फेंकने का युवाओं से आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जब तक देश का सामान्य युवा राजनीति में नहीं आएगा तब तक वंशवाद का ये जहर इसी तरह हमारे लोकतंत्र को कमज़ोर करता रहेगा। इस देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए आपका राजनीति में आना जरूरी है। साथ ही साथ ही उन्होंने दावा किया कि अब केवल ‘सरनेम’ के सहारे चुनाव जीतने वालों के दिन लदने लगे हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए दूसरे राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। पिछले छह वर्षो में देश की राजनीति में आए बदलावों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा और बिना किसी का नाम लिए कहा कि भ्रष्टाचार जिनकी विरासत थी, उनका भ्रष्टाचार ही आज उन पर बोझ बन गया है। उन्होंने कहा, ‘‘यह देश के सामान्य नागरिक की जागरूकता की ताकत है कि वो लाख कोशिशों के बाद भी इससे उबर नहीं पा रहे हैं। देश ईमानदारों को प्यार दे रहा है।’’ उन्होंने राजनीति को ‘‘सार्थक बदलाव’’ का ‘‘सशक्त माध्यम’’ बताते हुए कहा कि जब तक देश का सामान्य युवा राजनीति में नहीं आएगा,‘‘वंशवाद का जहर’’ इसी तरह लोकतंत्र को कमजोर करता रहेगा। उन्होंने कहा कि देश को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने का काम तथा उसे आत्मनिर्भर बनाने का काम देश के युवाओं के कंधे पर है।
देश की राजनीति में अभी भी ऐसे लोग हैं जिनका आचार, विचार और लक्ष्य सब कुछ अपने परिवार की राजनीति और राजनीति में अपने परिवार को बचाने का ही है। पीएम मोदी ने कहा कि राजनीतिक वंशवाद लोकतंत्र में एक ‘‘नए रूप की तानाशाही’’ के साथ ही देश पर अक्षमता का बोझ भी बढ़ा देता है। राजनीतिक वंशवाद, देश प्रथम के बजाय सिर्फ मैं और मेरा परिवार की भावना को मजबूत करता है। यह भारत में राजनीतिक और सामाजिक भ्रष्टाचार का भी एक बहुत बड़ा कारण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वंशवाद की वजह से राजनीति में आगे बढ़े लोगों को लगता है कि उनके पहली की पीढ़ियों के भ्रष्टाचार का हिसाब नहीं हुआ तो उनका भी कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। उन्होंने कहा, ‘‘वे तो अपने घर में ही इस प्रकार के विकृत उदाहरण भी देखते हैं। इसलिए ऐसे लोगों का कानून के प्रति ना सम्मान होता है ना ही उन्हें कानून का डर होता है।’’
इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और युवा तथा खेल मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू भी उपस्थित थे। राष्ट्रीय युवा महोत्सव हर साल 12 से 16 जनवरी तक मनाया जाता है। 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती है। इसे राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल राष्ट्रीय युवा महोत्सव के साथ राष्ट्रीय युवा संसद समारोह भी आयोजित किया जा रहा है। राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्देश्य देश के युवाओं की प्रतिभा सामने लाने तथा उन्हें अपनी प्रतिभा को दर्शाने का मंच प्रदान करना है।