शराबबंदी कानून को लेकर गरमा गई है सियासत

बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर नीतीश सरकार को काफी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में शराबबंदी के बाद हथकड़ शराब का भी काफी बोलबाला हो गया है। बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों को शराबबंदी कानून के नाम पर जेल भेजने के भी आरोप लगाए जा रहे थे।

पटना। शराबबंदी कानून में नीतीश सरकार ने बदलाव किया है। बिहार विधानसभा में बुधवार को बिहार मद्य निषेध और उत्पाद (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया है। शराबबंदी संशोधन बिल के तहत अब पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर जुर्माना देकर छूट सकेंगे। आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने सदन में मद्य निषेध और उत्‍पाद संशोधन विधेयक 2022 पेश किया, जिसको विधानसभा की हरी झंडी मिल गई है। इससे पहले इस बिल को नीतीश कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी थी। अब विधेयक को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा, जिसके बाद यह कानून का रूप लेगा।

बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोई शराब पीने गया और ज़हरीली शराब पीकर उसकी मृत्यु हो गई, शराब तो है ही ख़राब। शराबबंदी लागू करना चाहिए। शराब पीना बुरा है बापू ने भी कहा है और जो बापू की बात भी नहीं सुनता वो महा पापी है। कानून बनाए जाते हैं लेकिन उसका पालन कोई नहीं करता है। कितना भी हम प्रयास करे लेकिन कुछ लोग गड़बड़ करते ही हैं। हम नियम बनाते हैं लेकिन कुछ लोग उसका सही से पालन नहीं करते हैं। दुनियाभर में शराब का बुरा असर है इसके ख़िलाफ अभियान चलाना चाहिए। हमारे सर्वेक्षण के अनुसार बिहार में 1.74 करोड़ लोगों ने शराब छोड़ी है।

शराबबंदी क़ानून पर हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कहा कि कोई भी बात तुरंत ख़त्म नहीं होती है धीरे-धीरे उसके गुण दोष देखे जाते हैं। सरकार ने 2016 में क़ानून बनाया बीच में समीक्षा हुई आज फिर से प्रस्ताव आया। इसमें क्या विकृति आएगी उसपर सरकार सोंचेगी।मैं कहना चाहता हूं कि नीतीश कुमार को जो लोग रिजिड समझ रहे हैं वे रिजिड नहीं हैं बल्कि वे लोगों की बातों को समझने की कोशिश कर इसमें सुधार करने की कोशिश कर रहे हैं।