RIP : नहीं रहें भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी

सोली सोराबजी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बड़े पक्षधर रहे थे। उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कई ऐतिहासिक मामलों में प्रेस की स्वतंत्रता का बचाव किया है। मार्च 2002 में उन्हें दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

नई दिल्ली। भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल (Attorney General) सोली जहांगीर सोराबजी (Soli Sorabji) का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। सोराबजी 1989-90 तक भारत के अटॉर्नी जनरल थे। कई दिनों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी।

सोली सोराबजी (Soli Sorabji) की पहचान देश के बड़े मानवाधिकार वकील में होती है। सोली सोराबजी दो बार देश के अटॉर्नी जनरल रह चुके हैं। पहली बार 1989 से 90 और फिर 1998 से 2004 तक। उनका जन्म 1930 में बॉम्बे में हुआ था। उन्होंने 1953 से बॉम्बे हाईकोर्ट (Bomby HighCourt) में प्रैक्टिस शुरू की। इसके बाद 1971 में बॉम्बे हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट के तौर पर डेजिगनेटेड हुए और तकरीबन 7 दशक तक कानूनी पेशे से जुड़े रहे।

सोली सोराबजी (Soli Sorabji)अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बड़े पक्षधर रहे थे। उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कई ऐतिहासिक मामलों में प्रेस की स्वतंत्रता का बचाव किया है। प्रकाशनों पर सेंसरशिप आदेशों और प्रतिबंधों को रद्द करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मार्च 2002 में उन्हें दूसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Ranjnath Singh)ने उनके निधन पर शोक प्रकट किया है। राजनाथ सिंह ने ट्विट किया है कि देश के पूर्व पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी ने पूरे जीवन मानव हितों की रक्षा की है। हमें उन्हें नेकदिल इंसान के रूप में याद रखेंगे। हमारी ओर से इस महान सपूत को विनम्र श्रद्धांजलि।