किसानों का रेल रोको प्रदर्शन, लोगों को हो रही है परेशानी

कई किसान नेताओं की बात केंद्र सरकार नहीं मान रही है। बीते दस महीने से अधिक हो गया है। मांगे मानी नहीं जा रही है। इसलिए आज देशभर में 6 घंटे तक रेल रोका अभियान चलाया जा रहा है।

नई दिल्ली। आज देश भर के कई इलाकों में किसान आंदोलन के नाम पर रेल रोको अभियान चलाया जा रहा है। सुबह से कई रेल स्टेशनों पर रूकी हुई हैं। लखनऊ पुलिस ने कहा कि किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए रेल रोको आंदोलन में हिस्सा लेने वालों लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी। ज़िले में सीआरपीसी की धारा 144 लगाई गई है, अगर कोई सामान्य स्थिति को बाधित करने की कोशिश करता है तो उस पर एनएसए लगाया जाएगा।

किसानों ने आज 6 घंटे तक रेल रोको आंदोलन का ऐलान किया है। इसके तहत सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक देश भर में जगह-जगह ट्रेनें रोकने की घोषणा की गई है। इस आंदोलन को लेकर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ये अलग-अलग ज़िलों में अलग-अलग जगह होगा। पूरे देश में वहां के लोगों को पता रहता है ​कि हमें कहां ट्रेन रोकनी है। भारत सरकार ने अभी हमसे कोई बात नहीं की है।

संयुक्त किसान मोर्चा के ​रेल रोको आंदोलन के आह्वान पर प्रदर्शनकारी बहादुरगढ़ में रेलवे ट्रैक पर बैठे। संयुक्त किसान मोर्चा के ​रेल रोको आंदोलन के आह्वान के मद्देनज़र सोनीपत जंक्शन रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया गया है।

पंजाब में किसान संगठनों के रेल रोको आंदोलन के आह्वान पर अमृतसर के देवीदास पुरा गांव में प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर बैठे। संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि बंद पूरी तरह शांतिपूर्ण रहेगा। साथ ही बंद के दौरान किसी भी तरह की हिंसा या तोड़फोड़ न करने की हिदायत पहले दी गई है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि बंद के दौरान आवश्यक और आपात सेवाओं को किसी तरह बाधित नहीं किया जाएगा।
कई यात्रियों का कहना है कि किसानों का आंदोलन समझ में नहीं आ रहा है। इन नेताओं को लोगों की समस्या का ध्यान रखना चाहिए। ये किसान नेता केवल अपनी राजनीति कर रहे हैं। कभी सड़कों को घेरकर बैठ जाते हैं, तो कभी रेल रोकते हैं। जबकि इनकी समस्याओं का समाधान सरकार के पास है। ये सरकार से बात करें।