एम्स में कोरोना वैक्सीन लेने वाला पहला शख्स बना मनीष, कहा – सभी को लगवाना चाहिए वैक्सीन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में देश के वैज्ञानिक, डाॅक्टरों, फ्रंटलाइन वर्कर्स को धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद पूरे देश में टीकाकरण अभियान की शुरुआत कर दी गईं। राजधानी दिल्ली स्थित एम्स में कोविड-19 वैक्सीन लेने वाले पहले शख्स बने सफाईकर्मी मनीष कुमार। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डाॅ हर्ष वर्धन और एम्स के निदेशक डाॅ रणदीप गुलेरिया भी मौजूद थे।

एम्स में टीका लगवान के बाद सफाई कर्मचारी मनीष कुमार ने कहा कि मेरा अनुभव बहुत ही अच्छा रहा है, वैक्सीन लगने से मुझे कोई झिझक नहीं होगी और मैं अपने देश की और सेवा करता रहूंगा। लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। मेरे मन में जो डर था वो भी निकल गया। सबको वैक्सीन लगवानी चाहिए।

बता दें कि कोरोना वैक्सीनेशन के पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन दी जा रही है। कोरोना वैक्सीन लाॅन्च से पूर्व प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि संकट कितना भी बड़ा क्यों न हो, देश वासियों ने कभी आत्मविश्वास खोया नहीं। राष्ट्र सिर्फ मिट्टी, पानी, कंकड़, पत्थर से नहीं बनता। बल्कि राष्ट्र का मतलब होता है हमारे लोग। भारत ने कोरोना महामारी से जिस प्रकार से मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है। केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, हर सरकारी संस्थान, सामाजिक संस्थाएं, कैसे एकजुट होकर बेहतर काम कर सकते हैं, ये उदाहरण भी भारत ने दुनिया के सामने रखा।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री के संबोधन के साथ शुरू हुए टीकाकरण अभियान के पहले चरण में कुल तीन करोड़ लोगों को टीके लगाए जाएंगे। इनमें स्वास्थ्यकर्मचारी, फ्रंट लाइन कोविड योद्धा जैसे सफाई कर्मी, पुलिस के जवान आदि शामिल हैं। इसके बाद एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने भी एम्स में कोरोना का टीका लगवाया। उन्हें यहां तीसरे नंबर पर टीका लगाया गया। डॉ. गुलेरिया ने यह टीका इसलिए भी लगवाया ताकि अन्य लोगों को विश्वास हो कि यह टीका सुरक्षित है और इसे हर लाभार्थी को बिना किसी शक के लगवाना चाहिए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली में केंद्र सरकार के अस्पतालों में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगाई जा रही है और दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कोविशील्ड लगाई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वर्गीकरण इसलिए किया गया है, ताकि जब लाभार्थी वैक्सीन की दूसरी डोज लेने उसी अस्पताल में दोबारा आए तो उसे कोई अलग वैक्सीन न लग जाए।