देहरादून। चमोली हादसे के बाद लगातार राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस स्थानीय लोगों के सहयोग से लगातार राहत और बचाव कार्य कर रही है। इसके बीच लगातार सरकार के मंत्री और नेताओं का आना जाना भी बना हुआ है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत घटनास्थल का दौरा कर चुके हैं। वह काम कर रहे अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि टनल में क़रीब 35 श्रमिक फंसे हैं, उनके लिए ड्रिल करके टनल में रस्सी लगाने की कोशिश की जा रही है। इसकी सफलता में अभी थोड़ा समय लगेगा लेकिन इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री का सुबह फोन आया था, प्रधानमंत्री लगातार यहां का अपडेट ले रहे हैं । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यहां राशन का कोई अभाव नहीं है, डॉक्टरों की टीम काम कर रही है। रैणी गांव में दो लोगों के घर आपदा में ध्वस्त हुए हैं मैंने ज़िलाधिकारी से कहा है कि उन लोगों के घर बनाए जा सकते हैं।
दूसरी ओर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने घटनास्थल का दौरा किया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जोशीमठ के तपोवन टनल में चल रहे राहत और बचाव अभियान का जायज़ा लेने के लिए जोशीमठ पहुंचे।
सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, प्रशासन, पुलिस समेत सेवा इंटर नेशनल के स्वयं सेवी 24 घंटे सुरंग के बाहर सेवा, खोजबीन और राहत अचाव अभियान में जुटे हैं। अंधेरी सुरंग में जिंदगी बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान देर रात तक चला। टनल के बाहर भी मलबा और भीतर कई मीटर तक टनों कीचड़ ही कीचड़। टनल के भीतर एक-एक कदम उठाना भी किसी मुसीबत से कम नहीं। कब कहां पांव धंस जाए पता नहीं।