कांग्रेस ने की मांग, धर्म संसद को लेकर कार्रवाई करे केंद्र सरकार

यूं तो संतों की वाणी मधुर और आत्मसात करने योग्य मानी जाती रही है। लेकिन हरिद्वार के धर्मसंसद में कुछ संतों ने धर्म विशेष के लिए जिस प्रकार की टिप्पणी की है, उसके बाद सियासत गरमा गई है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने हरिद्वार में हाल ही में ‘धर्म संसद’ में कथित तौर पर दिए गए घृणा भरे भाषणों पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए शुक्रवार को कहा कि हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और इस तरह के कृत्य संविधान एवं कानून का उल्लंघन हैं। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने भी कथित भाषण की आलोचना की और हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ के आयोजकों और वक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जहां कथित तौर पर मुसलमानों के खिलाफ ‘‘घृणास्पद भाषण’’ दिए गए। उन्होंने इस संबंध में हरिद्वार जिले के ज्वालापुर थाने में एक शिकायत भी दर्ज कराई है।

हरिद्वार के भाषणों पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘ इस तरह से नफरत और हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।’’ उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ यह बेहद निंदनीय है कि वे हमारे माननीय पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या करने और विभिन्न समुदायों के लोगों के खिलाफ हिंसा करने का आह्वान करने के बाद भी यूं ही बच जाएं।’’

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि ऐसे कृत्य संविधान एवं कानून का उल्लंघन हैं।

कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के नेताओं ने बृहस्पतिवार को हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम की निंदा करते हुए उसे, ‘‘घृणा भाषण सम्मेलन’’ बताया और उसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। जूना अखाड़ा के यति नरिसम्हानंद गिरि द्वारा ‘धर्म संसद’ का आयोजन 17 से 20 दिसंबर तक हरिद्वार के वेद निकेतन धाम में किया गया था। पुलिस, कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले भाषण देने और मुसलमानों के खिलाफ हिंसा भड़काने को लेकर गिरि के खिलाफ जांच कर रही है।