नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस परेड 2022 की सर्वश्रेष्ठ झांकी और सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग टुकड़ियों के परिणाम घोषित किए गए हैं। सेना के तीनों अंगों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल ( सीएपीएफ)/अन्य सहायक बलों की मार्चिंग टुकड़ियों का प्रदर्शन, विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों से झांकियों के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए जजों के तीन पैनलों की नियुक्ति की गई थी।
26 जनवरी, 2022 को गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाले 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में उत्तर प्रदेश की झांकी को सर्वश्रेष्ठ झांकी के रूप में चुना गया है। उत्तर प्रदेश की झांकी ‘एक जिला एक उत्पाद और काशी विश्वनाथ धाम’ विषय पर आधारित थी। दूसरा स्थान कर्नाटक को ‘पारंपरिक हस्तकला का पालना’ पर आधारित झांकी के लिए मिला। ‘मेघालय राज्य के 50 साल पूरे और महिलाओं के नेतृत्व वाली सहकारी समितियों और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को श्रद्धांजलि’ पर झांकी निकालने के लिए मेघालय को तीसरा स्थान मिला।
केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों की श्रेणी में शिक्षा मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की झांकियों को संयुक्त विजेता के रूप में घोषित किया गया। शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की झांकी का विषय ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ था जबकि नागरिक उड्डयन मंत्रालय की झांकी ‘उड़े देश का आम नागरिक’ विषय पर आधारित थी। परेड में केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों की नौ झांकियों ने भाग लिया था। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (सीपीडब्ल्यूडी) की झांकी ‘सुभाष@125’ विषय पर आधारित थी और ‘वंदे भारतम’ नृत्य समूह को विशेष पुरस्कार श्रेणी में चुना गया।
इसके अलावा पहली बार आम जनता को माईगॉव मंच के माध्यम से लोकप्रिय पसंद की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग टुकड़ी और सर्वश्रेष्ठ झांकी के लिए वोट करने के लिए आमंत्रित किया गया था। 25 से 31 जनवरी, 2022 के बीच ऑनलाइन वोटिंग का आयोजन किया गया था। लोकप्रिय पसंद में भारतीय वायु सेना की मार्चिंग टुकड़ी को तीनों सेनाओं में सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग टुकड़ी के रूप में चुना गया है। माईगॉव पर सीएपीएफ/अन्य सहायक बलों के बीच केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग टुकड़ी के रूप में सबसे अधिक वोट मिले। लोकप्रिय पसंद की श्रेणी में राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों में महाराष्ट्र को सर्वश्रेष्ठ झांकी के रूप में चुना गया। महाराष्ट्र की झांकी ‘महाराष्ट्र की जैव विविधता और राज्य जैव-प्रतीक’ विषय पर आधारित थी।