करनाल। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन व एमडीडी ऑफ इंडिया द्वारा चलाए जा रहे ‘न्याय तक पहुंच’ प्रोजेक्ट के तहत संयुक्त टीम द्वारा हरियाणा के करनाल में अलग अलग जगहों पर बाल मजदूरी कर रहे बच्चों की पहचान की गई। इसके बाद आज सीधी छापामार कार्रवाई करके ऑटोमोबाइल वर्कशॉप से 16 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करवाया गया।
इस छापामार कार्रवाई का नेतृत्व जिला प्रशासन की सहायक श्रम आयुक्त नरेन्द्र कुमारी ने किया। जिनके नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया था। जिसमें सीडबल्यूसी से निरूपमा, रोहतास वर्मा, जिला बाल संरक्षण इकाई से गुरमति, प्रदीप श्योराण, चाइल्ड हेल्पलाइन से सरोज, सुमन, ए.एस.आई नमन अहलावत, पूर्व सीडबल्यूसी अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह मान, एमडीडी करनाल ऑफ इंडिया के राम पंडित, रामेश्वर दास, रामफल, बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य समन्वयक गजेंद्र नौटियाल और पुनीत शर्मा शामिल थे। इस टीम द्वारा सैक्टर 4 ट्रक यूनियन, गऊशाला रोड़, पूरानी अनाज मण्डी, मीरा घाटी से पूरानी अनाज मंडी के स्थानों पर निरक्षण कर बच्चों को बाल मजदूरी करते हुए पाया गया था। जिसके बाद ही इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। टीम द्वारा बाल श्रम में लिप्त लोगों पर केस दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है।
इस अवसर पर एमडीडी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह मान ने कहा “कोरोनाकाल में बच्चों की ट्रेफिकिंग और बाल श्रम बढ़ा है। हम लोग प्रशासन की मदद से लगातार छापामार कार्रवाई कर बच्चों को बाल-श्रम से मुक्त कराने में लगे हैं। हमें इसमें प्रशासन का पूर्ण सहयोग मिल रहा है। बाल-श्रम के खिलाफ कठोर कानून है। बाल-तस्करी के खिलाफ भी कठोर कानून बनना चाहिए। इस कदम से बाल मजदूरी को रोकने व बच्चों के भविष्य को सँवारने के प्रयासों को बल मिलेगा”।