नई दिल्ली। टेनिस कोर्ट में मेंस सिंगल्स बेताज बादशाह रोजर फेडरर ने अपना आखिरी मैच डबल्स खेला। स्पेन के राफेल नडाल इनके जोड़ीदार रहे। दो घंटे से ज्यादा वक्त तक चले मुकाबले में फेडरर और नडाल की जोड़ी को 6-4,6-7, 9-11 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा मिली। लेवर कप में हार के साथ टेनिस कोर्ट से विदाई हुई। उन्होंने शुक्रवार को लेवर कप में अपना आखिरी मैच खेला। इस मैच में वह राफेल नडाल के साथ जोड़ी बनाकर खेल रहे थे। वहीं, उनके सामने अमेरिका के फ्रांसेस टियाफो और जैक सॉक की जोड़ी थी। फेडरर-नडाल को इस मैच में 4-6, 7-6 (2), 11-9 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
फेडरर मैच तो हार गए, लेकिन विदाई भाषण से अपने चाहने वालों का एक बार फिर दिल जीत गए। मुकाबले के समाप्त होते ही फेडरर की आंखें भर आईं। फूट-फूट कर रो पड़े। नडाल तो फूट-फूटकर रो रहे थे, जोकोविच, मरे और दूसरे सभी खिलाड़ियों की भी आंखे भीगी थी।
41 साल के फेडरर ने पिछले हफ्ते ही सोशल मीडिया के जरिए अपने रिटायरमेंट की घोषणा की थी। लेवर कप से पहले उन्होंने कहा था कि राफेल नडाल के साथ डबल्स खेलना उनका सपना है। फेडरर 2018 तक सबसे ज्यादा ग्रैंडस्लैम जीतने वाले खिलाड़ी थे, लेकिन इसके बाद चोट के चलते वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। उन्होंने अपना आखिरी मैच 2021 विंबलडन में खेला था। इसके बाद उन्होंने लेवर कप में नडाल के साथ अपने करियर का आखिरी मैच खेला। टेनिस में सबसे ज्यादा एकल मैच जीतने के मामले में भी जिमी कॉनर्स के बाद फेडरर दूसरे स्थान पर हैं। उन्होंने 1251 मैच जीते, जबकि, कॉनर्स ने 1274 मैच जीते, अगर 2018 से फेडरर चोट से नहीं जूझते तो कॉनर्स के ये दोनों रिकॉर्ड आसानी से तोड़ सकते थे।
ऐसे हुई रोजर फेडरर की विदाई
फेडरर के नाम सबसे ज्यादा समय तक एटीपी रैंकिंग में पहले स्थान पर रहने का रिकॉर्ड है। वह दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने तीन बार साल के चारों ग्रैंड स्लैम का फाइनल खेला। उन्होंने 2006, 2007 और 2009 में चारों ग्रैंडस्लैम का फाइनल खेला था।