मोदी सरकार ने साल 2016 में नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद कर दिए थे और अब देश के संसद में एक बार फिर बीजेपी की तरफ से 2000 के नोट बंद करने की मांग उठाई गयी है.आज भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने संसद में यह मांग उठाते हुए कहा की काला धन अगर ख़त्म करना है तो 2,000 के नोट को बंद करना होगा। सुशील मोदी ने कहा की 2000 के नोट क्षणिक तौर पर लाए गए थे। RBI ने 3 साल से छपाई बंद कर दी है। अब बाजार में ये नोट नहीं दिखते। लोगों ने इसे जमा कर रखा है। इसका इस्तेमाल काले धन के तौर पर हो रहा है। सरकार को इसे बैन करने पर विचार करना चाहिए
"काला धन अगर ख़त्म करना है तो 2,000 के नोट को बंद करना होगा"
◆ BJP सांसद @SushilModi
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— News24 (@news24tvchannel) December 12, 2022
यही नहीं सुशील मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक के बाद एक कई सारे टवीट किए और लिखा की ₹2000 के करेंसी नोट को धीरे-धीरे समाप्त करने की आवश्यकता है, साथ ही लोगों को अपनी वैध धारिता को छोटे मूल्यवर्ग के करेंसी नोटों में बदलने के लिए पर्याप्त समय दिया गया है। जबकि ₹2000 के नोट को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 2016 में विमुद्रीकृत ₹500 और ₹1000 के नोटों को तेज गति से बदलने के लिए पेश किया गया था, पिछले तीन वर्षों में प्रचलन से जुड़ी कई चुनौतियों के कारण इनकी छपाई बंद हो गई है, 2000 की जमाखोरी और कालाबाजारी की घटनाएं 2000 सामने आ रहे हैं और लोगों को उन्हें प्रीमियम पर खरीदने के लिए मजबूर किया गया है। वे आतंकवाद के वित्तपोषण, मनी लॉन्ड्रिंग, भ्रष्टाचार आदि जैसी नाजायज गतिविधियों के लिए बड़े नकदी-आधारित लेनदेन को निपटाने में भी सहायक हैं, चूंकि भारत डिजिटल लेनदेन का केंद्र भी बन रहा है, जिसमें बड़ी मात्रा में निपटान भी शामिल है, उच्च मूल्यवर्ग के होने की सीमित आवश्यकता है। इस आशय के लिए, मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि एक निर्दिष्ट समय अंतराल पर धीरे-धीरे ₹2000 के नोट को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया जाए ताकि लोग नोट किए गए अपने वैध होल्डिंग को निम्न-मूल्यवर्ग के नोटों में परिवर्तित कर सकें।