उठ रहे सवाल, हरियाणा के मंत्री अनिल विज को वैक्सीन लेने के बाद कैसे हुआ कोरोना ?

कोरोना किसी को भी हो सकता है। हरियाणा के मंत्री अनिल विज को कोरोना हुआ। यह बात जैसे ही खबरों में आई, उसके बाद बवाल शुरू हो गया। बवाल इसलिए हुआ, क्योंकि इन्होंने कोरोना वैक्सीन का एक डोज लिया हुआ था। क्लीनिक ट्ायल के दौरान वैक्सीन का एक डोज लिया था।

विज की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि वह भारत बायोटेक की कोविड वैक्‍सीन Covaxin के फेज 3 ट्रायल का हिस्‍सा हैं। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद लोग इस वैक्‍सीन के असर को लेकर शक जाहिर कर रहे हैं।

असल में, उन्हें नवंबर में ही कोरोना के देसी टीके कोवैक्सीन के ट्रायल के दौरान टीका लगाया गया था।विज को अंबाला छावनी के नागरिक अस्पताल के वीआईपी वार्ड में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवाया गया है। उन्होंने उनके संपर्क में आए लोगों से कोरोना टेस्ट कराने का निवेदन भी किया है। विज के भाई राजेन्द्र विज सहित परिवार के सदस्य पहले कोरोना संक्रमित हुए थे। यह देश का पहला ऐसा केस है जिसमें टीका लगने के बाद व्यक्ति संक्रमित हुआ है।

बता दें कि 20 नवंबर को हरियाणा में कोरोना की देसी वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ के तीसरे चरण का पहला टीका हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को अंबाला कैंट के नागरिक अस्पताल में लगाया गया था। पीजीआई रोहतक की टीम की निगरानी में ही मंत्री विज को वैक्सीन का टीका लगाया गया। इसके बाद आधे घंटे तक उन्हें निगरानी में रखा गया।

 

दूसरी ओर भारत बायोटेक की तरफ से कहा गया है कि कोवैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल दो डोज शेड्यूल आधारित है जो 28 दिन के अंतराल पर दिए जाते हैं। इस वैक्सीन का प्रभाव दूसरे डोज के 14 दिन बाद पता चलेगा। दोनों खुराक लेने के बाद ही कोवैक्सीन प्रभावी होता है।