सुलतानपुर। सपा अपने जन्म काल से जनपद में पहली बार समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राम भुआल निषाद ने जीत दर्ज कराकर एक इतिहास कायम कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सांसद राम भुआल निषाद जिले की जनता की समस्याओं के त्वरित निस्तारण हेतु अपना एक ऐसा जन प्रतिनिधि नियुक्त कर रहे जो बाहरी है। इस बात को लेकर समाजवादी पार्टी के अंदरखाने में ये चर्चा गर्म है कि पूर्व सांसद मेनका गांधी वाली गलती वर्तमान सपा सांसद द्वारा दोहरायी जा रही है।
विदित हो कि 2014 में जीते भाजपा के पूर्व सांसद वरूण गांधी ने दूरदर्शिता का परिचय देते हुए उन्होंने अपना प्रतिनिधि हर विधानसभा में बनाया था वह नेता लोकल होने के नाते जिले की नब्ज जानते थे इसी कारण वरूण गांधी की गैर मौजूदगी में आम जनता के हर दुख दर्द में वे बतौर सांसद प्रतिनिधि बराबरा सरीख होते रहते थे और उनकी समस्याओं का निवारण प्राथमिकता के आधार पर करते थे। इसका भारी लाभ तब मिला जब वरुण गांधी के बजाय उनकी मां मेनका गांधी सन् 2019 में भाजपा प्रत्याशी की रूप में उतरीं तो वरूण गांधी के प्रतिनिधि रहे हर विधानसभा में उसका सकारात्मक कार्य मेनका गांधी के लिए वरदान साबित हुए। परंतु ये दुर्भाग्य रहा कि सन् 2019 में चुनाव जींती मेनका गांधी ने अपना सांसद प्रतिनिधि एक ऐसे बाहरी सामंतवादी सोच के व्यक्ति रंजीत सिंह को बनाया जिसे जिले की नब्ज का कोई पता नहीं था। उसके सामने नये पुराने कार्यकर्ताओं की कोई पहचान नहीं थी।
इसके साथ साथ उसके भ्रष्ट आचरण ने तो मेनका गांधी के विजय रथ के पहिये को जाम कर दिया। भारी मात्रा में सरकारी पैसा खाने से उसका पेट नहीं भरा तो स्थानीय व्यापारियों का भी पैसा खा के हजम कर गया। यही गल्ती अब वर्तमान सपा सांसद राम भुआल निषाद भी दोहरा रहे हैं और समाजवादी पार्टी के किसी स्थानीय ईमानदार कार्यकर्ता को अपना जनप्रतिनिधि बनाने के बजाय किसी बाहरी व्यक्ति को अपना जनप्रतिनिधि बनाने को तरजीह दे रहे हैं। सांसद जी नहीं तो इसका दंस 2027 चुनाव में आपकी पार्टी को झेलना पड़ेगा।