महाकुंभ मेला 2025 की हो रही हैं तैयारियां

 

नई दिल्ली। हाल ही में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रयागराज में महाकुंभ मेला-2025 के लिए बाल-अनुकूल उपायों के कार्यान्वयन की रणनीति बनाने और चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष, सदस्य तथा सदस्य सचिव समेत संस्कृति मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारी, उत्तर प्रदेश के सरकारी अधिकारियों सहित प्रमुख हितधारक, मेला कुंभ प्राधिकरण, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश बाल आयोग, पर्यटन विभाग, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, अग्निशमन सेवाएं, पुलिस, स्वास्थ्य, श्रम, राहत आयुक्त, उत्तर प्रदेश, बाल कल्याण समिति, प्रयागराज, सीड्ब्ल्यूपीओ, स्वंयसेवको तथा चाइल्ड हेल्पलाइन प्रयागराज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

एनसीपीसीआर के अध्यक्ष श्री प्रियांक कानूनगो ने विषय पर प्रकाश डालकर चर्चा का शुभारंभ किया। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महाकुंभ मेले के दौरान उठाए जाने वाले प्रमुख कदमों पर एनसीपीसीआर द्वारा एक प्रस्तुति दी गई। बैठक के दौरान बाल मित्रवत मेला बनाने और बच्चों के किसी भी प्रकार के उल्लंघन के लिए शून्य सहनशीलता सुनिश्चित करने के दिशानिर्देश भी साझा किए गए और उन पर चर्चा की गई। एडीएम और मेला प्राधिकरण, प्रयागराज उत्तर प्रदेश द्वारा आगामी महाकुंभ मेले की तैयारियों पर एक प्रस्तुति दी गई।

 

बैठक के एजेंडे में पिछले महाकुंभ मेले के दौरान किए गए उपायों की समीक्षा शामिल थी। इस दौरान यह बताया गया कि पूर्व में उज्जैन और हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेलों में बाल अधिकार संरक्षण उपायों के चलते एक भी बच्चा नहीं खोया, जो कि अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। इसके अतिरिक्त सफलताओं और सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। मुख्य चर्चाएँ मजबूत बाल सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने, बाल-अनुकूल क्षेत्र, खोया-पाया केंद्र और बच्चों के लिए समर्पित सहायता डेस्क स्थापित करने, कैमरे लगाने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे तकनीकी सॉफ़्टवेयर का लाभ उठाने, पहले से ही दोषी ठहराए जा चुके तस्करों की पहचान करने के लिए चेहरे की पहचान करने पर केंद्रित थीं। बाल चिकित्सा आपात स्थितियों से निपटने और प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने के लिए सुसज्जित विशेष स्वास्थ्य सेवा इकाइयों की योजनाओं पर भी चर्चा की गई। सुरक्षा उपायों, स्वच्छता और आपातकालीन प्रोटोकॉल के बारे में माता-पिता और बच्चों दोनों को लक्षित करके जागरूकता अभियान चलाने की रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया गया, साथ ही बाल संरक्षण इकाइयों की तैनाती सहित सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि एसडीएमए, सीडब्ल्यूपीओ के स्वयंसेवकों के लिए एक संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, एनसीपीसीआर और एससीपीसीआर प्रशिक्षण के लिए विशेषज्ञ संसाधन व्यक्तियों को भेजेंगे।