नई दिल्ली। रिजर्व बैंक (RBI) चेक क्लियरिंग को लेकर बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। इससे महज कुछ घंटों में ही चेक क्लियर हो जाएगा। इसके लिए दो दिनों तक का इंजतार नहीं करना होगा। आरबीआई ने चेक क्लियरिंग में लगने वाले समय को कुछ घंटे करने और उससे जुड़े रिस्क कम करने के मकसद से यह कदम उठाने की घोषणा की है। अभी चेक जमा करने से लेकर राशि आने तक दो दिन का समय लग जाता है।
आरबीआई के अनुसार, ‘‘नई व्यवस्था में चेक को ‘स्कैन’ किया जाएगा, उसे पेश किया जाएगा और कुछ घंटों में क्लियर किया जाएगा। इससे चेक क्लियरिंग कुछ घंटे में हो जाएगा जबकि अभी दो दिन तक का समय (T+1) लगता है। दास ने कहा कि इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जल्दी ही जारी किए जाएंगे।
मौद्रिक नीति के बाद प्रेस वार्ता में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अमेरिका में जीडीपी वृद्धि के आंकड़े “अच्छे” हैं और यह निष्कर्ष निकालना सही नहीं है कि देश धीरे-धीरे मंदी की ओर जा रहा है। दास से जब संवाददाताओं ने पूछा कि अमेरिका में हाल में बेरोजगारी दर में कमी के बाद मंदी की आशंकाओं को वह किस तरह देखते हैं, तो उन्होंने कहा, “अमेरिकी अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर रही है। एक महीने के बेरोजगारी आंकड़ों के आधार पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता।”
बाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत में वायदा एवं विकल्प कारोबार की बढ़ती मात्रा तथा कड़ी मेहनत से अर्जित वित्तीय बचत के सट्टा गतिविधियों में जाने की आशंकाओं के बारे में पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए गवर्नर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि सारी बचत एफएंडओ में जा रही है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर नियामकों के “पूर्व चेतावनी समूह” तंत्र में चर्चा की गई थी।
उन्होंने स्पष्ट किया, “मैं यह सुझाव नहीं दे रहा हूं कि लोगों को इक्विटी में निवेश नहीं करना चाहिए और अपना पैसा जमा में नहीं रखना चाहिए। मैं यह कह रहा हूं कि इससे बैंकों के लिए तरलता प्रबंधन की समस्या पैदा हो सकती है।” उन्होंने कहा कि वे केवल बैंकों के संभावित तरलता जोखिमों के बारे में चेतावनी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि बैंकों को अपने शाखा नेटवर्क का लाभ उठाने और ऋण वृद्धि को बनाए रखने के लिए जमा स्तर बढ़ाने की आवश्यकता है।