इंसान में सबसे अधिक अनुकूलता का गुण होता है। जब जैसा समय आता है, उस हिसाब से खुद को ढाल लेता है। जीवन में कुछ रिश्ते खून से बनते हैं और कुछ को हम स्वयं चुनते हैंै। दोनों के लिए दरकार होती आपके साथ की। यानी समय की। यही समय हमारे साथ-साथ चलता है। तुझसे-मुझसे से रिश्ते निभाने की फेर में हम समय से रिश्ता नहीं निभाते है। और इसका अंदाजा तब लगता है जब बहुत से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्वयं को फिसड्डी पाते हैं। तब होती है निराशा। औरों से रिश्ता निभाएं, उन्हें समय दें, लेकिन समय से स्वयं पक्की वाली फ्रेंडशिप जरूर करें।
कई बार यह माना कि जीवनपर्यन्त समय के महत्व को नकारा नहीं जा सकता, फिर भी युवावस्था में समय का महत्व अधिक गूढ़ हो जाता है। कारण यही वह समय है, जिस पर भविष्य की बुनियाद टिकी होती है। यही नहीं कुछ भी करने का जोश होता है। पर जब आज का युवा फेसबुक में आंखें गड़ाये रहेगा तो टालमटोल का रवैया आम होगा। ऊपरी तौर पर यह भयावय नहीं है, लेकिन आदतन में शुमार होते ही तबाही मचा देगी। आपके व्यक्तित्व में यह आदत एक बार प्रवेश कर गई तो समझिए आपकी योग्यता में दीमक लग गई है। टालमटोल के कारण सिर्फ कैरियर ही नहीं प्रभावित होता, बल्कि जिंदगी का वह लम्हा भी प्रभावित होता है जिससे आप जुड़े होते हैं। एक बात हमेशा गांठ बांध लें। रुपया-पैसा तो खर्च करने करने से खर्च होता हैं और इसे आप दुबारा वापस भी पा सकते हैं। लेकिन हाथ से फिसला समय दोबारा कभी वापस नहीं आता। इसलिए जिंदगी में सफल होना चाहते हैं, तो टालमटोल से बचना निहायत जरूरी हैं।
एक बार में एक काम
कुछ लोगों में उतावलापन ज्यादा होता है। खासकर युवाओं में। वह एक ही समय में कई काम हाथ में ले लेते हैं। नतीजतन वह किसी भी काम पूरा नहीं कर पाते हैं। एक समय में कई काम हाथ में लेने से कार्यक्षमता नष्ट हेाती हैं। साथ ही कई कामों पर ध्यान देेने से तनाव बढ़ता है। मन से एक काम करने से न सिर्फ काम जल्दी पूरा होगा, बल्कि परफेक्ट भी होगा। इसलिए एक बार में कई काम हाथ मे लेकर स्वयं को परफेक्ट दिखाने की कोशिश् न करें।
तुरंत करें काम, मिलेगा लाभ
टालमटोल से बचने का सबसे कारगर उपाय है कि काम छोटा हो या बड़ा उसे तुरंत करने की आदत डालें। छोटा सा काम है, कभी भी कर लेंगे, इस बहकावे में न रहें। समय आने पर वहीं छोटा सा काम पहाड़ सरीखा लगने लगता है। अब सौरभ को ही लें। कई दिनों से उसे हेयर कटिंग करवानी थी और वह इसे कई दिनों से टाले जा रहा था। अचानक से उसके दोस्त का रात में काॅल आता है कि कल उसे जाॅब के लिए दस बजे इंटरव्यू है। अब तो सौरभ को कुछ भी सूझ नहीं रहा था। क्योंकि रात के समय सभी दुकानें बंद हो चुकी थीं। अब तो वह बार-बार उन पलों को कोस रहा था कि काश वह समय पर हेयर कटिंग करवा लेता।
यहां देरी से मतलब होता है तनाव
जैसे-जैसे काम खत्म करने में देरी होती है या हम उसे टालते जाते हैं, वैसे-वैसे तनाव बढ़ता जाता है। अधूरा काम आप की हिम्मत को वैसे ही खत्म कर देता है, जैसे पानी की टंकी में कोई छेद। असल में मनुष्य को थकान काम करने से नहीं होती, बल्कि काम के बोझ से होती है। इसलिए जो काम करें उसे जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश करें। काम को सिर्फ शरू करने में यकीन नहीं बल्कि उसे खत्म करने में भी यकीन रखें।
योजना बनानी है जरूरी
टालमटोल से बचने के लिए जरूरी है काम को उसके महत्व के मुताबिक करना। यानी जो काम महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ आवश्यक है उसे पहले निपटाएं। योजाना के अनुरूप काम करने से परिणाम तक पहंुचाने में आसानी होती है। योजना बनाने से कोई भी काम को लेकर आपको किसी तरह की उलझन नही रहेगी और उलझन के नहीं रहने से काम में रोचकता बनी रहेगी। जटिल कामों को टालते रहने से जटिलता कम होने के बजाए बढ़ती ही जाएगी। इतना याद रखें, सीधे उपर की सीढ़ी पर छलांग लगाने के बजाए सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ने में सफलता मिलेगी।
रिलेक्स होना भी जरूरी
काम करने का मतलब यह नहीं है कि सिर्फ काम में ही डूबे रहें। फिर तो बीमार पड़ने की नौबत आ जाएगी। ऐसा न हो, इसलिए काम करने के दौरान रिलेक्स होना भी जरूरी है, ताकि हम एनर्जी स्टोर कर दोबारा उसी लगन से काम कर सकें। क्योंकि तनावग्रस्त मन के बजाए तनावमुक्त मन बेहतर ढंग से काम कर सकता है।