गुरुग्राम। रॉयल एनफील्ड ने अपनी सामाजिक मिशन योजना के तहत हिमालयी क्षेत्र में आइस हॉकी के विकास के उद्देश्य से 8 दिसंबर को गुरुग्राम के आईस्केट में आइस हॉकी कोच प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत की।
8 से 12 दिसंबर तक निर्धारित इस शिविर में विश्व स्तरीय तकनीकी ज्ञान और नेतृत्व कौशल का संयोजन प्रदान किया जा रहा है, जिसमें व्यावहारिक ऑन-आइस प्रशिक्षण और सैद्धांतिक मॉड्यूल शामिल हैं। इस शिविर के लिए लद्दाख के 19 और हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति क्षेत्रों के 13 कोचों को चुना गया है। ये प्रशिक्षित कोच सामुदायिक नेताओं के रूप में 2025 रॉयल एनफील्ड आइस हॉकी लीग, लद्दाख और स्पीति कप के लिए 500 से अधिक खिलाड़ियों को खोजने और प्रशिक्षित करने का काम करेंगे।
यह पहल रॉयल एनफील्ड द्वारा दिसंबर 2023 में स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के सहयोग से जारी की गई ‘द गेमचेंजर’ नामक आइस हॉकी विकास की ब्लूप्रिंट के तहत की गई है। यह ब्लूप्रिंट भारतीय आइस हॉकी टीम को 2042 शीतकालीन ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा के लिए सक्षम बनाने के लिए एक कार्य योजना प्रदान करता है।
शिविर के महत्व को आइस हॉकी के विकास की एक नींव के रूप में रेखांकित करते हुए, आयशर ग्रुप फाउंडेशन (रॉयल एनफील्ड की सीएसआर शाखा) की कार्यकारी निदेशक बिदिशा डे ने कहा, “आइस हॉकी लद्दाख में सर्दियों के कठोर महीनों के दौरान सबसे लोकप्रिय खेल के रूप में सामुदायिक भावना को प्रेरित करता है और व्यापक रुचि उत्पन्न करता है। यह हिमाचल प्रदेश में भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। यह शिविर एक रणनीतिक हस्तक्षेप है जो इन कोचों को अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुसार सामुदायिक खिलाड़ियों को गुणवत्ता प्रशिक्षण देने में सक्षम बनाकर गुणात्मक प्रभाव डालेगा।”
डैरिल ईसन द्वारा तैयार और संचालित यह शिविर 2024/25 आइस हॉकी सीज़न का शुभारंभ करता है। डैरिल 35 वर्षों के अपने विविध अनुभव के साथ यूनाइटेड किंगडम और हंगरी जैसी राष्ट्रीय आइस हॉकी टीमों को प्रशिक्षित कर चुके हैं। उन्होंने इंटरनेशनल आइस हॉकी फेडरेशन (IIHF) के साथ अपनी भूमिका के दौरान खेल के विकास की दिशा में भी काम किया है।
शिविर के बारे में बात करते हुए डैरिल ने कहा, “शिविर कोचों को लीडर के रूप में विकसित करने पर केंद्रित है, जिसमें बुनियादी तकनीकी तत्व जैसे स्केटिंग, चेकिंग, पासिंग और शूटिंग के साथ-साथ मैन और गेम मैनेजमेंट, रणनीतिक योजना और ट्रायआउट जैसे सॉफ्ट स्किल्स पर भी जोर दिया गया है। इसका उद्देश्य कक्षा सत्रों के माध्यम से तकनीक के सिद्धांत और तर्क को समझना और फिर रिंक पर इसे दोहराना है। सभी कोचों के बीच उत्साह और सीखने की इच्छा देखकर बहुत खुशी हो रही है और मुझे विश्वास है कि उनकी प्रतिबद्धता के साथ, हम हिमालय में आइस हॉकी में क्रांति ला सकते हैं।”
प्रशिक्षित कोच अपने-अपने क्षेत्रों में वापस जाएंगे, जिनमें लेह, बोध-खारबू, द्रास, कारगिल, नुब्रा, शम, ज़ांस्कर और चांगथांग (लद्दाख) तथा लाहौल, स्पीति, लोसार, हुड़, काजा, शिलिंग, ललुंग, सगनम, केलांग और जिस्पा (हिमाचल प्रदेश) शामिल हैं। यहां वे आगामी प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ियों को तैयार करेंगे। ये आयोजन पश्चिमी हिमालय और आइस हॉकी के बीच के जीवंत सांस्कृतिक संबंधों को प्रदर्शित करेंगे और इस क्षेत्र की आर्थिक और सामाजिक स्थिरता में योगदान देंगे। ये लीग जनवरी 2025 में लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में आयोजित की जाएंगी।