Pak Cricket : नमाज को लेकर ऐसा क्या कह दिया वकार युनूस ने, हर ओर हो रही है चर्चा

नसीहत दी जाती है कि खेल को धर्म, जाति और क्षेत्र से ना जोडा जाए। लेकिन जब खेल के मैदान में धार्मिकता को कट्टरता से साथ अपनाया जाए और उसकी पैरवी की जाए, तो सवाल उठना लाजिमी है। यही हुआ है पाकिस्तान के तेज गेंदबाज वकार यूनूस के साथ।

इस्लामाबाद। यूं तो खेल के मैदान में बराबरी की बात होती है। धर्मनिरपेक्षता की मिसाल मानी जाती रही है खेल के मैदान के। लेकिन हाल ही में भारत पाकिस्तान के बीच हुए टी20 क्रिकेट मैच में नमाज को लेकर चर्चा हो रही है। पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज वकार युनूस ने भले ही जोश में बयान दिया हो, लेकिन उसको लेकर अब हर ओर बात हो रही है। उन्होंने पाक बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान के मैदान पर नमाज पढ़ने को मैच का सबसे अच्छा लम्हा बता दिया।

जब इस पर विवाद शुरू हुआ, तो पूर्व तेज गेंदबाज वकार यूनुस ने अब माफी मांगी है। वकार ने कहा कि उन्होंने आवेश में आकर यह बात बोल दी थी, वह इसके लिए माफी मांगते हैं। कई पूर्व क्रिकेटरों भी ने वकार यूनुस के बयान की कड़ी आलोचना की थी। उनका यह बयान पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद के बयान की ठीक बाद आया था, जिसमें उन्होंने पाक की जीत को इस्लाम की जीत करार दिया था।


वकार युनूस के इस कमेंट को लेकर भारत के स्टार कमेंटेटर हर्षा भोगले ने कहा था, ’मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि वकार इसके लिए माफी मांगेंगे, हमें क्रिकेट जगत को जोड़ना है, ना कि धर्म के आधार पर इसको बांटना है।’

असल में, पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज ने एक न्यूज चैनल पर डीबेट के दौरान यह बात कही थी।
वकार यूनिस ने अपने माफी वाले ट्वीट में लिखा है कि आवेश में आकर मैंने ऐसी बात कह दी, मैंने ऐसा कुछ कहा, जो मेरा कहने का मतलब नहीं था, जिससे काफी लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। मैं इसके लिए माफी मांगता हूं, मेरा ऐसा मकसद बिल्कुल नहीं था, सच में गलती हो गई। खेल लोगों को रंग और धर्म से हटकर जोड़ता है।

ऐसा नहीं है कि भारत के लोग केवल वकार युनूस की आलोचना कर रहे हैं। पाकिस्तान के बल्लेबाज रमीज राजा ने भी ट्वीट में लिखा कि जरा भी आश्चर्य नहीं हुआ। मैं अपने अनुभव से बता सकता हूं कि एक आदमी जो अपने देश की भाषाओं और शहरों के बारे में नस्लवादी है, वह आसानी से धार्मिक मतभेदों के बारे में इस तरह की नकारात्मक टिप्पणी कर सकता है।