नई दिल्ली। आज शनिवार और कल रविवार। यानी मस्ती का दिन। माना कोरोना का दौर है। इसके गाइडलाइन का पालन करें और आप सबसे अच्छी स्ट्रीट शॉपिंग करते हैं। राजधानी दिल्ली के Janpath में अधिकांश छोटे-छोटे दुकानों पर सभी प्रकार के सूती कपड़े और कलाकृतियां बिकती हैं। ये कपड़े सामान्यतया एक्सपोर्ट-सरप्लस होते हैं और बहुत सस्ते भाव में बेचे जाते हैं। यहां चांदी से बनी तथा आर्टिफिशियल ज्वैलरी काफी मात्रा में मिलती है, जिनमें सेमी-प्रेशियस स्टोन जड़े होते हैं।
शरणार्थी भारत आए
भारत के विभाजन के बाद तथा चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जा कर लेने के बाद बड़ी संख्या में शरणार्थी भारत आए और वे यहां व्यापारियों के रूप में बस गए। यहां खरीदारी करने के लिए थोड़े कौशल की आवश्यकता होती है। सर्वप्रथम, आपमें असली और नकली के बीच अंतर करने की क्षमता होनी चाहिए। दूसरे, आपको धैर्यपूर्वक मोल-भाव करने की आदत होनी चाहिए। इम्पीरियल होटल के निकट, तिब्बती मार्किट में कलाकृतियों और तिब्बती हस्तशिल्प की बिक्री होती है। यहां से आप चांदी के आभूषण, थंगखास और ब्रास से बना सामान खरीद सकते हैं।
भारतीय और विदेशी पर्यटकों में लोकप्रिय
सड़क के उस पार कुछ नामचीन दुकाने हैं। कपड़ा मंत्रालय के अधीन भारत सरकार का एक उपक्रम, सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज, जवाहर व्यापार भवन में स्थित है। यह भारतीय शिल्पकारों, बुनकरों और लोक कलाकारों के सृजन को प्रस्तुत किया जाता है, यह स्थान भारतीय और विदेशी पर्यटकों में लोकप्रिय है। यह शोरूम सप्ताह के सभी दिनों में प्रातः 10 बजे से सायं 7 बजे तक खुलता है। सिंधिया हाउस स्थित कुक एंड काल्वे भारत तथा विदेश के उच्च वर्गों में विख्यात है। उत्कृष्ट डिजाइनों को कलात्मक तरीके से बनाकर कुंदन के भारी सेटों, मांगटीका और शेरवानी के बटनों के रूप में यहां प्रदर्शित किया जाता है, जो बहुत ही आकर्षक दिखाई पड़ते हैं।