World Tribal Day : आदिवासियों को आनेवाली पीढ़ियों के धर्म, संस्कृति की रक्षा की जरूरत

रांची। केंद्रीय सरना समिति के द्वारा केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा की अगुवाई में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा की समाधि स्थल पर वृक्षारोपण कर भगवान बिरसा मुंडा को नमन कर झारखंड के सभी शहीदों को नमन कर समाधि स्थल पर 51 दीप जलाकर विश्व आदिवासी दिवस को संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया।
इस अवसर पर मुख्य पहान जगलाल पहान ने कहा कि आदिवासियों को अपनी आनेवाली पीढ़ी के भविष्य के लिए धर्म संस्कृति, रीति रिवाज व परंपराओं को संरक्षित करने की आवश्यकता है ताकि युगो युगो तक आदिवासियत अक्षुण्ण रहे। केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा की 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस आदिवासियों के लिए गर्व का दिन है लेकिन आदिवासी समाज के धर्म संस्कृति रीति रिवाज परंपरा वा हक अधिकार पर खतरा मंडरा रहा है। साथ ही साथ आदिवासी समाज पर हो रहे चौतरफा हमला पर आने वाले नई पीढ़ी को समझने की जरूरत है।
बबलू मुंडा ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर केंद्रीय सरना समिति ने विश्व आदिवासी दिवस को संकल्प दिवस के रूप में मनाया और भगवान बिरसा मुंडा को नमन करते हुए झारखंड के समस्त शहीदों को नमन कर याद किया गय। कार्यकारी अध्यक्ष शोभा कच्छप ने आदिवासियों की स्थिति पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि तमाम विघ्न बाधाओं के बावजूद आदिवासी लोग संगठित नहीं हो रहे हैं। यह चिंताजनक स्थिति केंद्रीय सरना समिति शीघ्र ही आदिवासियों को संगठित करने के लिए सघन कार्यक्रम चलाएगी। कोरोना महामारी के कारण जनजीवन अव्यवस्थित हो गया है और कार्यक्रम ठीक ढंग से संचालित नहीं हो पा रहा है।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से मुख्य पहान जगलाल पहान केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा केंद्रीय सरना समिति के संरक्षक आरती कुजूर केंद्रीय सरना समिति के कार्यकारी अध्यक्ष शोभा कच्छप केंद्रीय सरना समिति के उपाध्यक्ष किरण तिर्की केंद्रीय सरना समिति के कोषाध्यक्ष जगन्नाथ तिर्की केंद्रीय सरना समिति के सचिव अमर मुंडा केंद्रीय सरना समिति के सक्रिय सदस्य अनिल उरांव, अंजलि कुजुर, सूरज मुंडा, उदय मुंडा, आकाश मुंडा, मोनू मुंडा, अमनदीप मुंडा, विकास उरांव आदि उपस्थित थे।