जयपुर। कभी कभी सपनों की राहें बड़ी मुश्किल सी लगती है। पर लगन उन राहों को अक्सर आसान बनाती है। कहते हैं ना,कामयाबी कभी परिस्थितियों की मोहताज नहीं होतीं। इस बात को फिर से साबित किया अनिता तिलोटिया, सरिता तिलोटिया और किरण तिलोटिया ने। ये तीनों सगी बहनें हैं। और तीनों बहनों ने एक ही साथ पीएचडी की डिग्री ले कर राजस्थान के शिक्षा जगत में इतिहास रच दिया। राजस्थान में ये पहली बार और भारत में दूसरी बार ऐसा हुआ है जब तीन बहनों ने एक साथ
पीएचडी की डिग्री हासिल की हो। इसके पहले भारत में रीवा, मध्यप्रदेश की तीन बहनों ने एक साथ पीएचडी की डिग्री हासिल कर यह रिकार्ड अपने नाम किया था। पर ये तीन सगी बहनें सरिता जियोग्राफी से, किरण केमिस्ट्री से और अनिता ने एजुकेशन से एक साथ डिग्री हासिल कर राजस्थान की धरती पर एक नया कीर्तिमान स्थापित करने में कामयाब हुईं।
राजस्थान के झुनझुनूं जिले में एक छोटा सा गाँव है चुड़ैला। इन तीन बहनों ने चुड़ैला में अवस्थित श्री जगदीश प्रसाद झाबरमल टीबड़ेवाला विश्वविद्याल से पीएचडी किया और डिग्री हासिल की। अनिता, सरिता और किरण ने यह उपलब्धि हासिल कर इस चुड़ैला गाँव का नाम रोशन तो किया ही, साथ ही इनके इस सफर ने, यहाँ अवस्थित श्री जगदीश प्रसाद झाबरमल टीबड़ेवाला विश्वविद्यालय के उस अभियान को बल दिया, कि सचमुच यह विश्वविद्यालय इस ग्रामीण क्षेत्र को विश्व स्तरीय शिक्षा नगरी बनाने की दिशा में अग्रसर है।
इनके पिता श्री मदन लाल तिलोतिया का आज के समाज में नारी शिक्षा के महत्व और उनके जागरूकता का ही ये परिणाम है कि उनकी बेटियों ने यह इतिहास रच कर ग्रामीण क्षेत्र की अन्य लड़कियों को प्रेरणा देने का काम किया।
किरण तिलोतिया ने कहा कि हमारे इस ग्रामीण क्षेत्र में जब यह विश्वविद्यालय शुरू हुआ तो इस क्षेत्र की लड़कियों में भी उच्च शिक्षित होने की भावनाएँ प्रबल हुई। और विश्वविद्यालय और यहाँ के प्राध्यापकों से मिले सहयोग और मार्गदर्शन ने इनकी राहें और आसान बना दी। बेटियों के शिक्षा की सजगता के लिए इन्होंने कहाँ कि हर पिता और माँ का नजरिया इतना ही सकारात्मक होना चाहिए और उन्हीं के प्रोत्साहन से हम बहनें यह मुकाम हासिल करने में सफल हो पाएँ। भविष्य में ये तीनों बहनें अनिता, सरिता और किरण की ये दिली
इच्छा है कि भारत के विकास और नारी शिक्षा के अभियान में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहे। इन्होंने जे०जे०टी विश्वविद्यालय के चेयरपर्सन डॉ० विनोद टीबड़ेवाला जी द्वारा इस ग्रामीण क्षेत्र में चला रहे शिक्षा के अभियान की भूरी भूरी प्रशंसा की।साथ ही इस विश्वविद्यालय के प्रो चेयरपर्सन डॉ० (ब्रिगेडियर) सुरजीत सिंह पाबला, प्रेसीडेंट डॉ० (कर्नल) नागराज मंथा, प्रो प्रेसीडेंट डॉ० (कोमोडोर) जवाहर जाँगीर और प्रो प्रेसीडेंट डॉ० अनुराग द्वारा हर कदम पर किए गए सहयोग एवं मार्गदर्शन के लिए आभार जताया।