नई दिल्ली। & टीवी के शो ‘एक महानायक डॉ बी.आर. आम्बेडकर’ में युवा भीमराव आम्बेडकर की भूमिका निभा रहे अथर्व कहते हैं, “बाबासाहेब हमेशा कहते थे कि, मानव जाति के अस्तित्व का परम लक्ष्य मस्तिष्क का उत्कर्ष और संवर्धन होना चाहिए। वे शिक्षा के महानतम प्रचारकों में से एक थे और उनका मानना था कि इससे लोगों को सभी सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक बाधाओं से निपटने योग्य बनाया जा सकता है। अपनी शिक्षा का उपयोग उन्होंने जातीय भेदभाव और असमानता को खत्म करने के लिए किया। बाबा साहेब का जीवन और शिक्षण कई लोगों के लिए प्रेरणा रहा है। अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर आइए हम शिक्षा के महत्व और उनके इस विश्वास से संबंधित सीख को याद करें कि अकेले शिक्षा समाज में बदलाव के रास्ते बना सकती है।“
अर्थशास्त्र में पहली पीएचडी
शो में रामजी सकपाल का किरदार निभा रहे जगन्नाथ निवानगुणे ने बताया कि, ”डॉ आम्बेडकर अर्थशास्त्र में पीएचडी हासिल करने वाले दक्षिण एशिया के प्रथम व्यक्ति थे। साथ ही अर्थशास्त्र में दो-दो डॉक्टरेट की उपाधि हासिल करने वाले भी दक्षिण एशिया के प्रथम व्यक्ति थे। वे विदेश में अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की डिग्री पाने वाले पहले भारतीय थे। बाबासाहेब के पिता रामजी सकपाल ने हमेशा उनको और अपने समुदाय में रहने वाले लोगों को उनकी जिंदगी बदलने के लिए शिक्षा के महत्व के बारे में सिखाया। अपने महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी बेटे के साथ रामजी हमेशा एक शक्ति स्तंभ की तरह खड़े रहे। उनके मार्गदर्शन और शिक्षण का पालन करते हुए, डॉ. बी. आर आम्बेदकर ने अपनी पहचान बनाने के लिए एक ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत की। अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर, आइए हम सब बाबा साहब के शिक्षण को याद करें और देश भर में साक्षरता के महत्व का प्रसार करने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश करें।“
देखिए, ‘एक महानायक डॉ बी.आर. आम्बेडकर’ में, प्रत्येक सोमवार से शुक्रवार,
रात 8.30 बजे, सिर्फ & टीवी पर