बंगाल के विधावसभा चुनाव में लोकतंत्र की एक खुबसूरत तस्वीर निकल कर सामने आई है….

पश्चिम बंगाल में हाल ही संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती  खतम होने को है। इस विधानसभा चुनाव में बंगाल की सबसे चर्चित और हाई-प्रोफाइल सीट नंदीग्राम को लेकर विवाद शुरू हो गया है।

बंगाल के विधावसभा चुनाव में लोकतंत्र की एक खुबसूरत तस्वीर निकल कर सामने आई है…. नाम है इनका चंदना बाउरी.. जो एक दैनिक मजदूरी करने वाली महिला है पति भी मजदूरी ही करते है।बीजेपी के टिकट पर बंगाल के सालतोरा विधानसभा से चुनाव लड़ीं और 4145 वोटों से जीतकर बंगाल के चुनाव में छा गई..भाजपा के टिकट पर सालतोरा सीट से चुनाव लड़ने वाली चंदना बाउरी ने टीएमसी के संदीप मंडल को पछाड़ दिया है।

चुनाव आयोग में दिए गए शपथ पत्र में चंदना के बैंक खाते में सिर्फ 6335 रुपये हैं।इनकी कुल संपत्ति 31,985 रु0 की है जिसमें तीन बकरियां, तीन गाय और एक झोंपड़ी शामिल है।चंदना रोज चुनावी प्रचार में कमल छाप की साङी पहन कर सङकों पर निकलति थी और लोगोंसे वोट मांगती थी। चंदना कभी एसी गाङी में बैठकर नां तो चुनाव प्रचार की और नां ही लोगों के पास

गई. चंदना की इसी सादगी ने लोगों के बीच उसे इतना सोकप्रिय कर दिया कि जनता ने उसे बंगाल के सबसे बङे सदन तक पहुंचा दिया। बहुत कुछ नहीं बोलने वाली चंदना जीत का श्रेय मोदी और वहां की जनता को देती है और जनता के लिये काम करने की बातें कहती है। वाकई में एक कहावत है कि वकत कब और किस वक्त करवट बदल ले ये कोई नहीं जानता ।