सदा के लिए शांत हुए एक सशक्त आवाज, नहीं रहे भजन गायक नरेंद्र चंचल

नई दिल्ली। भजन गायक नरेंद्र चंचल का आज अचानक निधन हो गया। दिल्ली में अपोलो अस्पताल में उन्होंने दोपहर करीब 12.15 पर अंतिम सांस ली। चंचल पिछले 3 महीने से बीमार थे तथा उनका इलाज चल रहा था। कई प्रसिद्ध भजनों के साथ-साथ चंचल ने हिंदी फिल्मों में कई गाने भी गाएं। भजन गायकी में चंचल एक खास स्थान रखते थे।
करीब 80 साल के नरेंद्र चंचल पंजाब ही नहीं बल्कि उत्तर भारत में अपनी भजन गायकी के कारण एक बेहतर मुकाम रखते थे। चंचल को जगराते में बुलाने को लेकर पंजाब तथा उत्तर भारत में एक अलग ही क्रेज था। उनकी एक झलक पाने के लिए लोगों का तांता लग जाता था।

इनके निधन पर इनके प्रशंसकों और राजनेताओं ने शोक संवदेनाएं प्रकट की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टिवटर पर लिखा कि लोकप्रिय भजन गायक नरेंद्र चंचल जी के निधन के समाचार से अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने भजन गायन की दुनिया में अपनी ओजपूर्ण आवाज से विशिष्ट पहचान बनाई। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं।

वहीं, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने लिखा कि अनूठी आवाज के धनी, भजन सम्राट श्री नरेंद्र चंचल जी का अवसान संगीत जगत की अपूरणीय क्षति है। चलो बुलावा आया है, ओ जंगल के राजा, तूने मुझे बुलाया शेरावालिए…जैसे भजनों के माध्यम से आप हम सबके दिलों में सदैव जिंदा रहेंगे।

1940 में नमक मंडी अमृतसर में पैदा हुए नरेंद्र चंचल ने 1973 में पहली बार हिंदी फिल्म में गाना गाया था उन्होंने ‘बॉबी’ फिल्म में ‘बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ों’ के बाद ‘बेनाम’ फिल्म का ‘मैं बेनाम हो गया’ गाना सुपर-डुपर हिट था। इस गाने से चंचल ने बॉलीवुड में अपना एक अलग नाम बना लिया। हाल ही में चंचल ने कोरोना को लेकर एक गाना गाया था जो काफी वायरल हुआ था। 1994 से लगातार चंचल माता वैष्णो देवी दरबार में नव वर्ष पर आयोजित होने वाले वार्षीक जागरण में हाजिरी लगाते थे।