हनुमान जयंती और सोनी सब

 

मुंबई सोनी सब का भव्य पौराणिक शो ‘वीर हनुमान’ दर्शकों को भगवान हनुमान के बाल्यकाल की अनकही कथाओं के माध्यम से मंत्रमुग्ध कर रहा है। यह शो युवा मारुति की अद्भुत यात्रा को दर्शाता है, जिसमें वह देवताओं से प्राप्त आशीर्वाद और शक्तियों के बाद अपनी दिव्य शक्ति और उद्देश्य को पहचानता है। शो में आन तिवारी युवा हनुमान की भूमिका निभा रहे हैं, जो उनके भावनात्मक संघर्षों और आध्यात्मिक युद्धों को सजीव रूप में प्रस्तुत करते हैं। आरव चौधरी ने उनके पिता केसरी का किरदार निभाया है, सायली सालुंखे माता अंजनी की भूमिका में हैं, महिर पंधी बाली और सुग्रीव की दोहरी भूमिका निभा रहे हैं, और तरुण खन्ना महादेव का चरित्र जीवंत कर रहे हैं।

हनुमान जयंती, भगवान राम के परम भक्त हनुमान जी के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है। यह दिन पूरे भारत में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, जिसमें “जय बजरंग बली” के जयकारे, मंदिरों में दर्शन और हनुमान चालीसा का पाठ प्रमुख होता है। इस पावन अवसर पर वीर हनुमान के कलाकारों ने इस त्योहार से जुड़ी अपनी भावनाएँ और स्मृतियाँ साझा कीं।

केसरी की भूमिका निभा रहे आरव चौधरी ने कहा, “हनुमान जयंती शक्ति, भक्ति और उन मूल्यों की याद दिलाती है जिन्हें हमें अपने बच्चों में भी संजोना चाहिए। वीर हनुमान जैसे शो का हिस्सा होना इस अवसर को और भी खास बना देता है। मुझे मारुति के पिता का किरदार निभाने का सौभाग्य मिला है, यह मेरे लिए बड़े गर्व की बात है।”

माता अंजनी की भूमिका निभा रही सायली सालुंखे ने कहा, “हनुमान जयंती एक सुंदर आध्यात्मिक ऊर्जा लेकर आती है, और एक हनुमान भक्त होने के नाते मैं इस पर्व से गहरे रूप से जुड़ी हुई हूं। हमारे घर में इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ होता है और प्रसाद चढ़ाया जाता है। यह भूमिका निभाने से मेरी भक्ति और भावनात्मक जुड़ाव और भी प्रगाढ़ हुआ है।”

बाली और सुग्रीव की भूमिका निभा रहे महिर पंधी ने कहा, “वीर हनुमान में बाली और सुग्रीव जैसे दो अलग-अलग व्यक्तित्वों को निभाना मेरे लिए एक शक्तिशाली अनुभव रहा है। हनुमान जयंती साहस, निष्ठा और आस्था का पर्व है—जो भगवान हनुमान के गुण हैं। यह दिन मेरे लिए आंतरिक शक्ति और आत्मचिंतन से जुड़ा होता है। इस पवित्र समय में शो का हिस्सा होना एक आशीर्वाद जैसा लगता है।”

महादेव की भूमिका निभा रहे तरुण खन्ना ने कहा, “एक ऐसे पात्र का अभिनय करना, जो भगवान हनुमान जैसे महान भक्त का आराध्य है, अपने आप में दिव्यता से भरा अनुभव है। हनुमान जयंती निःस्वार्थ सेवा और शक्ति का प्रतीक है, और मैं अपने प्रशंसकों से आग्रह करता हूं कि वे इस दिन इन मूल्यों पर विचार करें। वीर हनुमान का हिस्सा बनकर मैंने हनुमान जी की भक्ति की गहराई को और बेहतर समझा है, जो ऑनस्क्रीन ही नहीं, ऑफस्क्रीन भी प्रेरणादायक है।”