फ़ारूख़ अब्दुल्ला के बाद नरोत्तम मिश्रा ने साधा रशीद अल्वी और सलमान खुर्शीद पर निशाना

सधी हुई टिप्पणी और बेबाक बोल के लिए चर्चित मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस बार जेएनयू और बाबरी मस्जिद को लेकर कई नेताओं पर सियासी हमला किया है। वामपंथी सोच वालों को एक आईना दिखाया है। इससे राजनीतिक तापमान बढ़ सकता है।

भोपाल। अक्सर विवादों में रहने वाली जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी एक बार फिर चर्चा में है। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (जेएनयूएसयू) द्वारा सोमवार 6 दिसंबर की रात कथित तौर पर बाबरी मस्जिद के समर्थन में नारे लगाए जाने का मामला सामने आया है। इसके साथ ही बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाने की मांग भी उठाई गई। इसी के बीच मध्य प्रदेश के ग्रह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने एक बड़ा बयान दे दिया है है जिसमें उन्होंने फ़ारूक़ अब्दुला समेत रशीदअल्वी और कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद पर सीधा निशाना साधते हुए कहा है कि देश विरोधी वामपथि का अड्डा बना दिया गया है जेएनयू को | इसी के साथ वो कहते है कि टुकड़े-टुकड़े गैंग देश में फिर से माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है और JNU में देश‌ विरोधी नारे इसी क्रोनोलॉजी के तहत लगे हैं।
जनता की गाढ़ी कमाई पर मुफ्त में पढ़ाई कराने वाला #JNU अब देश विरोधी वामपंथी विचारधारा का अड्डा बन गया है। अब इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।

जानकारी के अनुसार, JNU कैंपस में एक नए विवाद की चिंगारी सुलगनी शुरू हो गई है। जेएनयूएसयू की ओर से 6 दिसंबर की रात एक प्रोटेस्ट मार्च निकाला गया। 6 दिसंबर 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद तोड़ी गई थी, जिसके खिलाफ यह प्रदर्शन किया गया। इस दौरान JNU छात्रसंघ के कार्यकर्ताओं और यहां मौजूद लेफ्ट संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बाबरी मस्जिद को दोबारा बनाने की मांग की।

इस दौरान छात्रसंघ कार्यकर्ताओं की ओर से “नहीं सहेंगे हाशिमपुरा, नहीं करेंगे दादरी, फिर बनाओ बाबरी” जैसे नारे लगाए गए, जिनको लेकर विवाद उठना लाजिमी है। बाबरी विध्वंस की घटना के 29 साल बाद जेएनयू कैंपस में छात्र संघ ने इस घटना के विरोध में प्रोटेस्ट मार्च निकाला, जिसमें कहा गया की बाबरी मस्जिद दोबारा से बननी चाहिए।

दरअसल इस प्रदर्शन की कॉल जेएनयूएसयू द्वारा रात को 8:30 बजे दी गई थी। जेएनयू कैंपस के गंगा ढाबा पर रात 8:30 बजे काफी संख्या में लेफ्ट विंग के छात्र जमा हो गए और यहां से यह प्रदर्शन मार्च चंद्रभागा हॉस्टल तक पहुंचा। इससे पहले भी लेफ्ट समर्थक छात्रों द्वारा कई विवादित बयान दिए गए हैं और 6 दिसंबर को चंद्रभागा हॉस्टल के चौखट पर एक बार फिर लेफ्ट समर्थक छात्रों ने एक नए विवाद की शुरुआत कर दी है। इसके बाद यह प्रदर्शन हॉस्टल तक पहुंचा, जिसके बाद छात्र यूनियन के नेताओं ने अपनी-अपनी बातों को रखा। इसी दौरान जेएनयू छात्र संघ के वाइस प्रेसिडेंट साकेत मून ने अपनी स्पीच के दौरान कहा कि बाबरी मस्जिद दोबारा बनाकर उसे इंसाफ लिया जाएगा।

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