एम्स में नर्सों की हड़ताल को मिल रहा है व्यापक समर्थन, वेतन बढ़ोतरी की है मांग

नई दिल्ली। कोरोना काल में देश के सबसे प्रतिष्ठित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स की नर्सें जब हड़ताल करे, तो समझ लीजिए कि मामला बेहद गंभीर है। उनकी मांगों को बार-बार अनदेखा किया गया। छठे वेतनमान सहित कई अन्य मांगों को लेकर नर्से बार-बार एम्स प्रशासन से गुहार लगाती रही, लेकिन जब उन्हें उचित कार्रवाई होता नहीं दिखा, तो हड़ताल पर जाना पड़ा। एम्स के नर्स संगठन की ओर से इस बात को लेकर दुख भी व्यक्त किया गया है कि इस विकट परिस्थिति में उन्हें ऐसा कदम उठाने को बाध्य होना पड़ा है।

अब एम्स नर्सों को दिल्ली नर्स संघ का साथ मिल गया है। बता दें कि वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की नर्सें हड़ताल पर हैं, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। मंगलवार को एम्स में भर्ती मरीजों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। नर्सिंग यूनियन ने हड़ताल के दूसरे दिन एम्स प्रांगण में सुबह धरना-प्रदर्शन किया।

यूनियन का कहना है कि एम्स प्रशासन ने उनकी लंबित मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया, जबकि हड़ताल के लिए एक महीने पहले ही उन्हें नोटिस दिया था। फिर भी एम्स प्रशासन ने न उनसे बात की और न ही उनकी समस्याओं का कोई हल निकाला। ऐसे में नर्सों के पास हड़ताल के अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं था।

एम्स नर्स यूनियन के अध्यक्ष हरीश कुमार काजला ने बताया कि हमारा संघ प्रशासन के साथ बातचीत के लिए तैयार है। कोरोना के बीच हम मरीजों के लिए बुरा महसूस कर रहे हैं लेकिन हम मजबूर हैं। हमारी कई महीनों से लंबित मांगें पूरी नहीं हुई हैं। कोरोना काल में सभी नर्स स्टाफ ने अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों की देखभाल की। इसके बावजूद हमारी मांगों पर किसी का ध्यान नहीं है।

सोमावर को जहां एम्स के करीब 5000 नर्स कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए, वहीं एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि नर्स संघ ने 23 मांगें रखी थीं और एम्स प्रशासन तथा सरकार ने उनमें से लगभग सभी मांगें मान ली हैं। उन्होंने कहा कि एक मांग मूल रूप से छठे वेतन आयोग के मुताबिक शुरुआती वेतन तय करने से जुड़ी है। कोरोना काल में सभी से अपील किया गया है कि वे काम पर लौटें। एम्स प्रबंधन ने इस संबंध में एक आदेश जारी कर कहा है कि हड़ताल के चलते मरीजों की सेवा में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए अतिरिक्त स्टाफ तैनात किया जाएगा।