नई दिल्ली। प्रगति मैदान में 25 फरवरी से शुरू हुए नक्षत्र 2023 में इस बार ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञों के साथ ही हर्बल और आयुर्वेद उत्पादों को भी जगह दी गई है। कुछ साल पहले ही हर्बल बाजार में उतरने वाली एमैक्स कंज्यूमर हेल्थ केयर के स्टॉल पर लोगों की खासी भीड़ देखी जा सकती है। जहां असाध्य बीमारियों का समाधान कैमिकल फ्री उत्पादों के माध्यम से जानने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है।
वर्ष 2018 में एमैक्स कंज्यूमर हेल्थ केयर ने हर्बल बाजार में कदम रखा, पांच साल के बेहद कम समय में कंपनी ने अपने उत्पादों के जरिए लोगों के दिल में जगह बना ली है। एमैक्स कंज्यूमर ने शुरूआत दर्द निवारक तेल डॉ. क्योर से की थी आज कंपनी अपने दस से भी अधिक उत्पाद के साथ देश में ही नहीं विदेशों में भी अपना कारोबार फैला चुकी है। कंपनी की नींव रखने वाले अमरजीत सिंह ने बताया कि मां के घरेलू नुख्से को एक ब्रांड के रूप में स्थापित करने के जूनन में एफएमसीजी कंपनी की शुरूआत हुई, दरअसल एक सड़क हादसे के दौरान अमरजीत को बुरी तरह लिंगामेंट इंजरी हुई जो दवाओं से ठीक ही नहीं हो रही थी, काफी प्रयास के बाद जब चिकित्सकों ने सर्जरी की बात कहीं तो सोचा गया कि सर्जरी से पहले कुछ नया प्रयोग किया जाएं, बस फिर क्या था अमरजीत ने मां के घर पर छोटी मोटी मोच के लिए तैयार किए जाने वाले आयुर्वेदिक तेल को अपनी चोट पर अजमाया और इसने कमाल कर दिया। परिवार में पहले से ही नाना जी वैद्य रहे थे, तो फार्मुेलेशन उनके घर ही उपलब्ध थे बस उसका व्यवसायीकरण करना था। वर्ष 2018 की शुरूआत के बाद हर साल कंपनी की झोली में नित नये उत्पाद शामिल होते गए, जोड़ों की चिकनाहट और नसों का संकुचन दूर करने के लिए कार्टिटोल, बीपी, शुगर थॉयरॉयड, कोलेस्टॉल आदि के लिए इमोटॉल, नाक के संक्रमण के लिए नेज़िटॉल सहित काफी बेहतरीन उत्पाद के माध्यम से कंपनी निरंतर आगे बढ़ रही है।
नाभि से करते हैं इलाज
अमरजीत एक इंटरप्रयोनर के साथ ही नाड़ी विशेषज्ञ भी हैं, इनकी कंपनी के प्रमुख उत्पादों का प्रयोग नाभि के माध्यम से किया जाता है। इसपर अमरजीत कहते हैं कि नाभि हमारे शरीर का केन्द्र बिंदु हैं लक्ष्मण जी जब मूर्छित हुए थे तो हनुमान जी द्वारा लाई गई औषधि को नाभि में ही डाला गया था, इसी तरह रावण के प्राण भी नाभि में तीर लगने से गए। वर्षो से हमने शरीर के इस अहम हिस्से को नजरअंदाज कर रखा था, हमारी कंपनी के सघन शोध के बाद तैयार हर्बल उत्पाद में कार्टिटॉल और इमोटॉल को नाभि में सोते समय दो बूंद डाला जाता है जहां से हमारे श्वेत रक्त कणिकाएं जुड़ती है, इस प्रक्रिया के माध्यम के टॉक्सिन को निकाल कर प्राकृतिक रूप से रिकवरी की प्रक्रिया को अपनाया जाता है। सुश्रुत संहिता में भी नाभि के महत्व के बारे में बताया गया है।