नई दिल्ली। कोरोना काल में कई चीजें छूटीं तो कई बातों को नए सिरे से देखने समझने की समझ विकसित हुई। भारत ने पूरे साल भर कोरोना को रोकने के लिए बेहतर काम किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरी सरकार और व्यवस्था काम करती और जनता ने पूरा सहयोग दिया।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपना अनुभव सुनाते हुए कहा कि कोरोना कालखंड लॉकडाउन का एक वर्ष पूरा हो रहा है। 365 दिनों में 110 विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के साथ बैठक करना बहुत बड़ी उपलब्धि है, उन दिनों भारत के सामर्थ्य का साक्षात्कार हुआ। उन्होंने कहा कि ये कितनी बड़ी बात है कि दूसरे देश के लोग भारत से कभी दवाई, कभी वैक्सीन मांगते हैं। इससे भारत का सामर्थ्य कोरोना कालखंड में भी बढ़ा है। भारत के 135 करोड़ लोगों ने अपनी ताकत दिखाई है, सेवा के माध्यम से किसी को भूखा नहीं सोने दिया।
दरअसल, कोरोना (Covid) की दूसरी लहर देश में आईं है। कई राज्य सरकार और केंद्र सरकार इससे निबटने के लिए पूरी कार्ययोजना के साथ काम कर रही है। भारत में पिछले 24 घंटे में #COVID19 के 40,715 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,16,86,796 हुई। 199 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,60,166 हो गई है। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 3,45,377 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,11,81,253 है।
अब जबकि महाराष्ट्र, केरल, गुजरात जैसे राज्यों में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढते मामले कोरोना की दूसरी लहर के संकेत दे रहे हैं तब ,राहत की बात सिर्फ इतनी है कि अब देश में कोरोना टीकाकरण अभियान प्रारंभ हो चुका है यद्यपि अभी हम टीकाकरण के लक्ष्य से काफी दूर हैं। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत दिवस विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में इस बात पर विशेष जोर दिया कि हमने कोरोना को हराने में अभी तक जो सफलता प्राप्त की है उससे उपजे आत्मविश्वास को अति आत्मविश्वास में बदलने की स्थिति से हमें बचना होगा।
प्रधानमंत्री (PM Modi) के कहने का आशय यही था कि विगत कुछ माहों में कोरोना (Covid) संक्रमण के मामलों में तेजी से हुई गिरावट का लोगों ने यह मतलब निकाल लिया कि कोरोना को हमने पूरी तरह हरा दिया है और वह अब हमारे देश में कभी सिर नहीं उठा सकता लेकिन लोग यह भूल गए कि दुनिया के कई देशों में कोरोना की दूसरी औरर तीसरी लहर भी आ चुकी है। इसी अति आत्मविश्वास के वशीभूत होकर हमने कोऱोना (Covid) से बचाव के लिए आवश्यक उपायों की उपेक्षा प्रारंभ कर इसका परिणाम यह हुआ कि कोरोना संक्रमण के मामलों में क ई माहों की गिरावट के बाद फिर तेजी से उछाल आने लगा।