जो किसान पंजाब से चलकर दिल्ली चलो का नारा दे रहे थे, वे आज 5वें दिन भी हरियाणा-दिल्ली की सीमा सिंधु बाॅर्डर पर डटे हुए हैं। सरकार की ओर से बताए गए बुराड़ी के निरंकारी संत समागम मैदान में आने से वे कतरा रहे हैं। पंजाब से आए किसान इसे खुला जेल बता रहे हैं। आखर यह बात उनके मन में कहां से आई ?
आपसी बातचीत में किसानों का कहना है कि यदि हम लोग यहां आ गए , तो इस मैदान में चालीस पचास हजार किसान एकत्र हो सकते हैं। हम लोग यहां महीनों दिनों तक प्रदर्शन करते रहें, तो सरकार को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। क्योंकि, यह शहर के एक किनारे में हैं। सरकार इस मैदान को चारों ओर से पुलिस और सुरक्षा बलों के माध्यम से घेर देगी और हम लोग कुछ विशेष नहीं कर पाएंगे। हमारी मांग थी कि हमें जंतर-मंतर अथवा रामलीला मैदान में जगह दी जाए। ये दोनों ही स्थान मध्य दिल्ली में आते हैं और संसद भवन के निकट। जाहिर है, वहां से हमारी आवाज सत्ता केंद्र तक जल्दी पहुंचेगी।
आखिर, सिंधु बाॅर्डर पर ही क्यों ? इस सवाल के जवाब में एक किसान ने बताया कि यह राष्ट्रीय राजमार्ग पर है। यहां से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। दिल्ली को फल-सब्जी-दूध आदि की आपूर्ति भी इसी रास्ते होती है। जब यह बाधित होगी, तभी तो सरकार हमारी बातों को गंभीरता से लेगी।
बता दंे कि दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी की ओर से बुराड़ी के संत समागम मैदान में किसानों की सुख-सुविधा के लिए तमाम व्यवस्था करा दी गई है। बुराड़ी के विधायक संजीव झा की अगुवाई में पार्टी कार्यकर्ता हरेक बात की जानकारी ले रहे हैं। उनकी केवल एक ही मंशा है कि किसानों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो। यहां कुछ हजार किसान हैं। विशेषकर वे किसान हैं, जो उत्तर प्रदेश, हरियाणा से आए हैं। पंजाब से आए किसानों की संख्या यहां न के बराबर है।