कांग्रेस का सरकार पर हमला, राहुल ने कहा कि जागना होगा मोदी सिस्टम को

जनहित के मुद्दों को लेकर कांग्रेस आम जनता के साथ खडी नजर आ रही है। कोरोना काल में केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना कर रही है। केंद्र सरकार से मांग कर रही है कि लोगोें के हितों का ध्यान रखा जाए।

नई दिल्ली। कांग्रेस (Cngress)अब मुखर हो रही है। कोरोना (COVID19) की दूसरी लहर में जिस प्रकार से आम लोगों को मुश्किलों को सामना करना पड रहा है। लोगों की मौत हो रही है। लोग पलायन कर रहे हैं। सरकारी सुविधाओं का टोटा दिख रहा है। इन मुद्दों को लेकर कांग्रेस की ओर से सवाल किया जा रहा है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi)लगातार सरकार की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं।

कांगेे्रेस नेताओं को यह करता देख सोशल मीडिया (Social Media) में आम लोग भी सरकार से सवाल कर रहे हैं। जनहित के मुद्दा को उठाया जा रहा है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट करते हुए लिखा है आने वाले समय में बच्चों को कोरोना से सुरक्षित करना होगा। पीडियाट्रिक स्वास्थ्य सुविधाएँ व वैक्सीन-इलाज के प्रोटोकॉल अभी से तैयार होने चाहिए। देश के भविष्य के लिए वर्तमान मोदी सिस्टम को नींद से जगाना जरूरी है।

ऐसा नहीं कि कोरोना काल में सरकार की आलोचना करते हुए राहुल गांधी का यह पहला टिवट है। याद रखें कि सांसद राहुल गांधी ने इसके पहले भी कई सवाल किए हैं। सोमवार को भी राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि केंद्र सरकार न केवल कोविड -19 महामारी संकट के प्रबंधन में बल्कि लोगों के साथ खड़े होने में भी विफल रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दूसरी ओर हर दिन ताकत और परोपकार की कई व्यक्तिगत कहानियां हैं। दूसरे की सेवा करने वाले इन नायकों का बहुत-बहुत आभार और दुनिया यह देख रही है कि भारत वास्तव में किस लिए खड़ा है।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ने सोमवार को ट्विीट कर कहा था कि भारत सरकार न सिर्फ कोविड संकट से निपटने में विफल रही, बल्कि लोगों के साथ खड़े होने में भी नाकाम रही। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने सरकार की नीतियों की आलोचना की और ट्विट किया कि लखनऊ में स्वयं अपनी पीठ थपथपाने वाली सरकार न होती तो वहीं से मात्र 35 किमी दूरी पर स्थित इंदारा ग्रामीण क्षेत्र में कोविड की असलियत देखना चाहती। न टेस्टिंग, न इलाज, न मेडिकल किट, मगर सरकार बताती है कि सब कुछ फिट।