महिलाओं के लिए कम घातक है कोरोना!

नई दिल्ली। कोरोना महामारी को लेकर सरकार की ओर से जो नया आंकडा पेश किया गया है, उसमें यह कहा गया कि कोविड-19 का वायरस पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के लिए कम घातक है। वैसे, विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में कोरोना संक्रमण के बाद ज्यादा स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिल रही हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की ओर से कहा गया कि कोरोना संक्रमण के बाद महिलाओं में मृत्यु दर केवल 30 प्रतिशत है, जबकि पुरुषों में यह 70 प्रतिशत देखी गई है। जब हम कोरोना संक्रमण की बात करते हैं तो भारत में यह 37 प्रतिशत महिलाओं में हुआ और 63 प्रतिशत पुरुष इसके शिकार बने।

एक सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की ओर से कहा गया कि देश के सक्रिय मामलों का 60 प्रतिशत से अधिक हिस्सा 5 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में है। लगभग 24 प्रतिशत मामले केरल में, 21 प्रतिशत महाराष्ट्र में, 5 प्रतिशत से कुछ अधिक पश्चिम बंगाल में, लगभग 5 प्रतिशत उत्तर प्रदेश में और 4 83 प्रतिशत मामले छत्तीसगढ़ में हैं।

वहीं विशेषज्ञों ने भी इस सबके बीच महिलाओं के रिप्रोडक्टिव सिस्टम को लेकर सबसे ज्यादा चिंता जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि कई मामले ऐसे आए हैं, जिनमें कोविड संक्रमण से जूझ चुकी महिला के मासिक धर्म में काफी बदलाव देखने को मिला है। इसलिए महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे पूरी सावधानी बरतें। जब तक कोविड वैक्सीन नहीं आ जाती है, तब तक वे सुरक्षा उपायों को अपनाती रहीं। माना जाता है कि महिलाओं की स्थिति जेनिटिक और बॉयोलॉजिकल स्ट्रक्चर की वजह से पुरुषों से थोड़ी बेहतर है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं में हार्मोनल और एंडोक्राइनल बदलाव देखने को मिल रहे हैं। जो ना सिर्फ मासिक धर्म बल्कि प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करता है।

कुछ शोध में इस बात के संकेत मिले हैं कि कोरोना होने के बाद महिलाओं में मानसिक तनाव, जीवन में मुश्किलें जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। कहा गया है कि सभी महिलाओं में कोविड संक्रमण के बाद कम से कम मासिक धर्म में एक बदलाव जरूर आया है। इससे यह साफ होता है कि कोरोना वायरस महिलाओं के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है। असल में, मासिक धर्म और प्रजनन क्षमता महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ी बेहद अहम कड़ी हैं।