नई दिल्ली। आज पूरे देश की नजर इस ओर लगी है कि दोपहर बाद होने वाले किसान संगठनों और सरकार के प्रतिनिधियों की बैठक में क्या होगा ? मंगलवार रात जिस प्रकार से केंद्रीय मंत्रियों के एक समूह ने इस संदर्भ में बैठक की, उसके बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा कि आज की बैठक के बाद सकारात्मक परिणाम आएगा।
इस संदर्भ में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की ओर से कहा गया है कि किसान कम से कम 2 साल इस कानून को उपयोग करके देखे कि ये कानून कितना उपयोगी है। फिर अगर आपको लगता है कि कानून में संशोधन करने की जरूरत है, तो हमारी सरकार संशोधन करने के लिए तैयार है और आज भी किसान बातचीत करे, उन्हें लगता है कि इसमें संशोधन की आवश्यकता है, तो हम तैयार हैं। केंद्रीय रक्षा मंत्री का यह भी कहना है कि बातचीत हो रही है,मुझे विश्वास है इसका समाधान निकलेगा।मैं किसानों से विनती करता हूं मैंने इस कानूनों को देखा है,मैं भी कृषि मंत्री रह चुका हूं इसलिए मैं कहता हूं कि ये कानून किसानों के हित में है। किसानों का कहना है कि जब तक कानून हटेगा नहीं, तब तक हम हटेंगे नहीं।
वहीं, पंजाब के किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के संयुक्त सचिव कहते हैं कि पहले भी पांच दौर की बैठक हो चुकी है, उसमें समझाने की बात हुई और कानून के फायदे गिनाए गए। आज भी बैठक का कोई सही एजेंडा नहीं है। हमें नहीं लगता कि माहौल ऐसा है कि बैठक में कुछ निकलेगा। दूसरी ओर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मैनपाल चैहान ने कहा कि उम्मीद है कि आज की हमारी वार्ता सफल होगी। तीन कानूनों को निरस्त होने चाहिए और एमएसपी की गारंटी का प्रावधान होना चाहिए। अगर फसल डैच् से नीचे खरीदी जाती है तो दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।