COVID19 Fear : 1 दिसंबर से भारत आएंगे, तो पालन करना होगा इन नए नियमों का

सरकार ने दक्षिण अफ्रीका के अलावा यूनाइडेट किंगडम सहित यूरोपीय देशों, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मॉरिसस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, सिंगापुर, हॉन्ग-कॉन्ग और इजराइल को जोखिम वाले देशों की श्रेणी में रखा है। इन देशों में पहले ही ओमीक्रॉन के केस सामने आ चुके हैं।

नई दिल्ली। दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट ने जो कोहराम मचाया है, उसके बाद भारत सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। हर चीज पर बारिकी से नजर रखी जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि पहली दिसंबर से जो भी विदेशी यात्रा से भारत पहुंचेंगे, उन्हें नए नियमों का पालन करना होगा। इसके तहत सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को 14 दिन के यात्रा इतिहास और निगेटिव RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट एयर सुविधा पोर्ट पर अपलोड करनी होगी।

इसके साथ ही एम्स नई दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कोरोना के नए वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावशीलता को लेकर चिंता व्यक्त की। एम्स प्रमुख ने कहा कि स्पाइक क्षेत्र में कई म्यूटेशन शरीर के अंदर टीकों की प्रभावशीलता को कम कर सकते हैं। डॉ रणदीप गुलेरिया ने रविवार को चेतावनी दी कि नए कोविड वेरिएंट ऑमिक्रॉन में स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में 30 से अधिक उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) हुए हैं। इसलिए इसकी संभावना अधिक है कि कोविड वैक्सीन द्वारा शरीर में तैयार की गई एंटीबॉडीज को भेदकर यह शरीर में संक्रमण फैला सकता है। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट में स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में कथित तौर पर 30 से अधिक उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) हुए हैं और इसलिए इसमें इम्यूनोस्केप तंत्र विकसित करने की क्षमता है। अधिकांश वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ एंटीबॉडी बनाती हैं। इसलिए स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में इतने सारे उत्परिवर्तन कोविड-19 टीकों की कम प्रभावकारिता का कारण बन सकते हैं। स्पाइक प्रोटीन की उपस्थिति मेजबान कोशिका में वायरस के प्रवेश की सुविधा प्रदान करती है और इसे संक्रमणीय बनाने और संक्रमण पैदा करने के लिए भी जिम्मेदार है। हमें यह देखना होगा कि भारत में प्रयुक्त होने टीकों की प्रभावशीलता कितनी है और उसका गंभीर मूल्यांकन करने की जरूरत है।