नई दिल्ली। जिसका डर था, वही हुआ। राजधानी दिल्ली में दीपावली से पहले हवा प्रदूषित हुई। एयर क्वालिटी रेड जोन श्रेणी में तब्दील हुई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के सूत्रों ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। दिल्ली सरकार की ओर से पहले ही प्रदूषण के खिलाफ युद्ध का एलान कर दिया गया है। दिल्ली के तमाम रेड लाइट पर युवा स्वयंसेवक हाथों में तख्ती और पंपलेट के सहारे लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी सफर के मुताबिक दिवाली के दो दिन बाद 6 नवंबर तक दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में 38 प्रतिशत तक हिस्सेदारी पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की हो सकती है। पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से उठने वाला धुआं उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण दिल्ली-एनसीआर की तरफ आ जाता है। 6 नवंबर तक इसके बढ़कर 38 प्रतिशत तक हो जाने का अनुमान है क्योंकि दिवाली के बाद हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम की ओर बदलने की उम्मीद है।
सफर के संस्थापक परियोजना निदेशक गुफरान बेग ने कहा कि अक्टूबर में रिकॉर्ड बारिश और हवा की अनुकूल दिशा के कारण इस सीजन में अब तक दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान कम रहा है।
वहीं, हाल ही में कोर्ट ने भी दिल्ली में पटाखों को पूरी तरह से बैन किया हुआ है। ऐसा केवल प्रदूषण के लिए ही किया गया है।