नई दिल्ली। तीन कृषि कानून को लेकर जो आंदोलन शुरू हुआ था, वह अब पूरी तरह से राजनीतिक होता दिखाई पड़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहे अनुसार संसद में इसे निरस्त कर दिया गया, लेकिन किसान आंदोलन खत्म नहीं हो रहा है। भारतीय किसान यूनियन के नेता लगातार सरकार पर अन्य मांगों को लेकर दबाव बना रहे है। हालिया घटनाक्रम में एक किसान नेता ने कहा कि राकेश टिकैत कांग्रेस के पैसे पर काम कर रहे हैं। यह किसानों का नहीं, अब राजनीतिक दलों का आंदोलन हो गया है।
किसान नेता भानु प्रताप सिंह ने कहा है कि राकेश टिकैत फंडिंग के ऊपर काम करते हैं। कांग्रेस की फंडिंग से ये आंदोलन चल रहा है। क़ानून वापस ले लिए गए हैं फिर भी ये बॉर्डर खाली नहीं करेंगे। ये ऐसे नहीं बलपूर्वक हटेंगे।
वहीं,राकेश टिकैत के बैंकों के निजीकरण के खिलाफ आंदोलन के आह्वान पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आपकी मांगें पूरी हो गई हैं, आप किसानों की बात करो। सरकार कैसे चलानी है और नीतियों के जो फैसले लेने हैं वो सरकार लेगी।