Delhi News : भारतीय संस्कृति को नया आयाम दे रहा है अतुल्य भारत अभियान

ओम् 1935 में उर्दू भाषा में निकलती थी और शिकागो यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में भी इसके 1970 के दशक की प्रतियां संरक्षित हैं। ओम् परिवार में तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रहीं रश्मि मल्होत्रा ने बताया कि कोरोना महामारी ने पत्रिका के कार्य-विस्तार की गति धीमी की है, लिहाजा पत्रिका संस्कृति मंत्रालय से संरक्षण की मांग करती है।

नई दिल्ली। आजादी की 75वीं वर्षगांठ को सेलिब्रेट करने के लिए भारत सरकार अमृत महोत्सव मना रही है। इसमें सांस्कृतिक-आध्यात्मिक धरोहर का अपना महत्व है। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय इसमें अहम भूमिका निभा रहा है। आध्यात्मिक पत्रिका ओम् की संपादक सूर्यपुत्री रश्मि मल्होत्रा ने केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी को अमृत महोत्सव में उनके योगदान के लिए शुभकामनाएं देते हुए हनुमान जी की प्रतिमा भेंट की। इस अवसर पर श्रीमती मल्होत्रा ने मंत्री महोदय को स्वलिखित पुस्तक सहज बोध एवं आध्यात्मिक पत्रिका ओम् भी भेंट की और सांस्कृतिक विरासत को संजोने में ओम् की 85 वर्षों की यात्रा के बारे में विस्तार से बताया। 1935 का पहला अंक देखने के बाद मंत्री रेड्डी जी ने सूर्यपुत्री को बधाई देते हुए कहा कि यह कार्य अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा कि आज जब प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दे रहे हैं, तो इस पत्रिका को भी डिजिटल फॉर्मेट में आना चाहिए, खासकर इसके पुराने अंकों को डिजिटाइज किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर सूर्यपुत्री रश्मि मल्होत्रा ने कहा कि सांस्कृतिक धरोहर को युवाओं से जोड़ने में अतुल्य भारत अभियान की बड़ी भूमिका है, क्योंकि इस अभियान में देश भर की धरोहरों का पुनरुद्धार हो रहा है। ताजा उदाहरण कुशीनगर एयरपोर्ट के उद्घाटन का है। इससे देश-विदेश के लोग बौद्ध परंपरा से जुड़ेंगे। सूर्यपुत्री रश्मि मल्होत्रा ने मंत्री से चर्चा में ओम् की 85 वर्षों की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक विरासत के बारे में विस्तार से बताया।