लखनऊ। योगी सरकार का पूरा जोर प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने पर है। पर्यटन स्थलों का कायाकल्प करके कनेक्टिविटी के लिए ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर को बीते साढ़े सात साल में सुदृढ़ किया गया है। यही वजह है कि बीते वर्ष प्रदेश में 31 करोड़ से अधिक पर्यटक यूपी को एक्सप्लोर करने आए। योगी सरकार अब प्रदेश में पर्यटन सेक्टर को पांच गुना बढ़ाने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है। पर्यटन सेक्टर का ग्रॉस वैल्यू ऐडेड (जीवीए) जहां 2017 में 11 हजार करोड़ रुपए का था, वहीं इसे 2028 तक 70 हजार करोड़ रुपए करने का लक्ष्य सरकार लेकर चल रही है। इसके अलावा सरकार का लक्ष्य 2028 तक यूपी में 80 करोड़ से अधिक पर्यटकों को लाने पर भी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि प्रदेश के औद्योगिक विकास के साथ ही राज्य में पर्यटन गतिविधियों को और अधिक बढ़ाया जाए। धार्मिक दृष्टि से प्रदेश में कई महत्वपूर्ण स्थल हैं, जहां प्रतिदिन लाखों यात्रियों का आगमन हो रहा है। काशी, अयोध्या, मथुरा, चित्रकूट, प्रयागराज, नैमिषारण्य, गोरखपुर जैसे धार्मिक महत्व वाले शहरों में विगत साढ़े सात साल में पर्यटन गतिविधियां अप्रत्याशित रूप से बढ़ी हैं। इन शहरों में विश्वस्तरीय सुविधाओं के विकास के साथ ही सरकार का ध्यान यहां आने वाले पर्यटकों को एक से अधिक डेस्टिनेशन्स तक ले जाने की है। इसके अलावा पर्यटकों को स्थानीय उत्पादों को खरीदने के लिए प्रेरित करने के लिए ओडीओपी की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है। यही नहीं प्रदेश में पर्यटकों के ठहरने के लिए नये होटल, गेस्ट हाउस और होमस्टे की संख्या बढ़ाने पर भी सरकार का पूरा जोर है। इसके साथ ही सरकारी टूरिस्ट बंग्लो और राही बंग्लो के कायाकल्प का भी प्लान है।
योगी सरकार में पर्यटन सेक्टर में हुई बढ़ोतरी की बात की जाए तो 2017 में इसकी ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) 11 हजार करोड़ रुपए थी, वहीं 2023 में यह बढ़कर 14 हजार करोड़ रुपए हो चुकी है। सरकार का लक्ष्य 2028 तक इसे 70 हजार करोड़ रुपए तक ले जाने का है। वहीं टूरिस्ट फुटफॉल में भी बड़ा इजाफा हुआ है। 2017 तक प्रदेश में 23 करोड़ पर्यटक प्रतिवर्ष आते थे तो वहीं 2023 में ये आंकड़ा 31 करोड़ से अधिक पहुंच गया। 2024 में सरकार का अनुमान है कि 48 करोड़ पर्यटक यूपी आएंगे, जबकि सरकार का ध्यान 2028 तक इसे 80 करोड़ से अधिक पर्यटकों को यूपी लाने का है। सरकार पर्यटन से जुड़े स्थानों को मोनेटाइज करने पर भी बल दे रही है। इसके अलावा विश्वस्तरीय सुविधाओं का विकास और पर्यटन सुविधाओं की ब्रांडिंग और प्रमोशन पर भी सरकार का पूरा ध्यान है।