जागरूकता ही बचाव है कैंसर के लिए, लक्षण की न करें अनदेखी

वसंतकुंज में महिलाओं के लिए आयोजित कैंसर जांच एवं जागरूकता शिविर में जानी मानी डॉक्टर्स की रायशुमारी

 

नई दिल्ली। भारत में सरवाइकल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। जीवनशैली सहित कई कारक इसके लिए जिम्मेदार हैं। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक होना होगा। जो जितना अधिक जागरूक रहेगा, उसका कैंसर से उतना ही ज्यादा बचाव हो सकता है।

समाजसेवी आनंद प्रकाश जैन की छठी पुण्यतिथि के अवसर पर डी3 वसंतकुज के कम्युनिटी सेंटर में श्रीमती रचना नरेश जैन ने कैंसर को लेकर जागरूकता एवं जांच शिविर का आयोजन कराया। इसमें सौ से अधिक महिलाओं ने अपनी भागीदारी दी। इसका आयोजन आयोजन वर्धमान रिसाइक्लिंग ने नेशनल एसोसिएशन ऑफ मेंटर्स फॉर एडोलसेंट हेल्थ के साथ मिलकर किया है।

उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए नेशनल एसोसिएशन ऑफ मेंटर्स फॉर एडोलसेंट हेल्थ की अध्यक्ष जीटीबी हॉस्पिटल की डॉ सीमा प्रकाश ने ब्रेस्ट कैंसर सहित सरवाइकल कैंसर की बारिकियों को समझाया। उन्होंने कहा कि हम महिलाओं से आग्रह करते हैं कि वो अपने रोजमर्रा के कामों में से कुछ मिनट अपने लिए भी निकालें। जरा भी कुछ असहज महसूस होता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर्स से संपर्क करें।
आयोजक श्रीमती रचना नरेश जैन का कहना है कि मुझे कई रिपोर्ट से दुख हुआ कि जिस महिला पर घर की पूरी जिम्मेदारी होती है, वह अधिक बीमार होने लगी है। इसलिए हमने ऐसा आयोजन किया, जिसमें महिलाओं के लिए महिलाओं के द्वारा ही बात हो। हमें बेहद खुशी है कि हमारे बुलावे में हमारी बहन-बेटियों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।
मेडिकल जांच एवं जागरूकता शिविर में जीटीबी हॉस्पिटल की डॉ सीमा प्रकाश, डॉ राजेश्वरी, डॉ निताशा गुप्ता, डॉ भानुप्रिया, एम्स की डॉ निलांचली सिंह, डॉ नेहा वरूण, डॉ अंजु सिंह, सफदरजंग हॉस्पिटल की डॉ सृष्टि प्रकाश, एमएएसएसच हॉस्पिटल की डॉ रश्मी श्रिया सहित अन्य डॉक्टर्स ने महिलाओं से मासिक धर्म और स्वच्छता को लेकर भी बात की। साथ ही आग्रह किया कि अपने घर में भी स्वास्थ्य समस्याओं पर खुलकर बात करें। किसी प्रकार की झिझक नहीं होनी चाहिए। डॉक्टरों की राय थी कि जीवनशैली में सुधार लाकर हम कई बीमारियों से दूर रह सकते हैं। यदि बीमारी शुरू हुई, तो शुरुआत में डॉक्टर्स के पास जाने से उसका इलाज आसान हो जाता है।
एक सवाल के जवाब में सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती रचना नरेश जैन के अनुसार, हमने इससे पहले भी कई बार स्तन कैंसर जांच शिविर का आयोजन किया गया है। डॉक्टर्स ने सभी महिलाओं से आग्रह किया कि उम्र के हर पड़ाव पर होने वाले बदलाव की अनदेखी न करें। घर में हर बेटी और बहुओं को समय के साथ होने वाले हार्मोनल बदलाव के बारे में बताएं। एक सवाल के जवाब में डॉक्टर्स ने कहा कि कभी भी इलाज के लिए गूगल अथवा यू-टयूब पर भरोसा न करें। सबसे बेहतर यह है कि अपने डॉक्टर्स से परामर्श लें।