नई दिल्ली। एल्केम लेबोरेट्रीज़ लिमिटेड (एल्केम) ने आज भारत में “एम्पानॉर्म” ब्रँड नाम से जेनरिक एम्पाग्लिफ्लोज़िन और उसके संयोजन लॉन्च करने की घोषणा की, जो इनोवेटर उत्पादों की तुलना में लगभग 80% कम कीमत पर उपलब्ध होंगे।
एम्पाग्लिफ्लोज़िन एक SGLT-2 (सोडियम-ग्लूकोज़ को-ट्रांसपोर्टर-2) अवरोधक है, जिसका उपयोग टाइप-2 मधुमेह, क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी) और क्रॉनिक हार्ट फेल्योर (एचएफ) के इलाज में किया जाता है। एल्केम का जेनरिक एम्पाग्लिफ्लोज़िन और उसके संयोजन इनोवेटर उत्पादों के समान जैवसमकक्ष (बायोइक्विवेलेंट) हैं।
रोगी-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ, एल्केम ने एम्पानॉर्म के पैक पर नकली विरोधी सुरक्षा बैंड पेश किया है, साथ ही व्यापक रोगी शिक्षा जानकारी भी प्रदान की है, जिसमें हिंदी और अंग्रेजी में इन्फोग्राफिक्स के साथ मधुमेह प्रबंधन से जुड़ी मूलभूत जानकारी शामिल है। इसके अलावा, इसमें क्यूआर कोड भी दिए गए हैं, जो 11 भाषाओं में प्रिस्क्राइबिंग जानकारी और मधुमेह, हृदय विफलता और क्रॉनिक किडनी रोग से संबंधित अतिरिक्त रोगी शिक्षा जानकारी प्रदान करते हैं।
रोगियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, एल्केम ने इनोवेटर उत्पादों की तुलना में काफी छोटे आकार की टैबलेट पेश की है।
एल्केम की जेनेरिक एम्पाग्लिफ्लोज़िन “एम्पानॉर्म” ब्रँड नाम से उपलब्ध है, और इसकी विभिन्न कॉम्बिनेशंस इस प्रकार हैं: (i) एम्पाग्लिफ्लोज़िन और लीनाग्लिप्टिन – “एम्पानॉर्म एल” नाम से उपलब्ध है; (ii) एम्पाग्लिफ्लोज़िन और सिटाग्लिप्टिन – “एम्पानॉर्म डुओ” और “अलसिटा ई” नाम से उपलब्ध है; (iii) एम्पाग्लिफ्लोज़िन और मेटफॉर्मिन – “एम्पानॉर्म एम” नाम से उपलब्ध है।
लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए, एल्केम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. विकास गुप्ता ने कहा,
“हम अपने क्रॉनिक पोर्टफोलियो का विस्तार बढ़ा रहे हैं, और भारत में जेनेरिक एम्पाग्लिफ्लोज़िन की शुरुआत हमारे लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त मॉलिक्यूल है, जिसने मधुमेह देखभाल को एक नया आयाम दिया है, साथ ही यह क्रॉनिक किडनी डिजीज और हृदय स्वास्थ्य के प्रबंधन में भी अतिरिक्त लाभ प्रदान करता है। एल्केम के मजबूत वितरण नेटवर्क का लाभ उठाते हुए, हम इस थेरेपी को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखते हैं, जिससे उपचार की पहुंच बढ़े और पूरे देश में मरीजों के स्वास्थ्य परिणामों में सुधार हो।”