नई दिल्ली। कोरोना (COVID19) की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई और लोग ऑक्सीजन के लिए परेशान होने लगतेे हैं। ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिए। देश में जो कोरोना के मरीज हैं, उनमें करीब नब्बे प्रतिशत लोगों को अभी ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है। अधिकतर लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत भी नहीं है। वे घर में डाॅक्टरी सलाह लेकर ठीक हो रहे हैं और ठीक हो सकते हैं।
ये बातें रविवार को देश के जाने माने कई डाॅक्टरों ने कही। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डाॅ रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) ने कहा कि कोरोना (COVID19) संक्रमण एक सामान्य संक्रमण है। जिन लोगों को सर्दी, जुकाम, बुखार, बदन दर्द और खांसी जैसे लक्षण सता रहे, वे सामान्य दवाएं लेकर और घरेलू उपाय व योग क्रियाएं आजमाकर भी खुद को सात से दस दिन में ठीक कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पांच प्रतिशत से भी कम संक्रमितों को वेंटिलेटर पर रखने की नौबत आती है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि कोविड-19 से ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने का यह मतलब नहीं कि लोग अस्पताल भागें या मेडिकल ऑक्सीजन(Oxygen) लेने लगें। गुलेरिया ने सलाह दी कि संक्रमण की पुष्टि के बाद स्थानीय डॉक्टर (Doctor) से संपर्क करें।
मेदांता हाॅस्पिटल के चेयरमैन और जाने माने हृदयरोग विशेष डाॅ नरेश त्रेहन (Dr Naresh Trehan) ने कहा कि हमारे स्टील प्लांट की ऑक्सीजन की बहुत क्षमता है लेकिन उनको ट्रांसपोर्ट करने के लिए क्रायो टैंक की जरूरत होती है जिसकी तादाद इतनी नहीं थी। लेकिन सरकार ने आयात कर लिए हैं, उम्मीद है कि आने-वाले 5-7 दिन में स्थिति काबू में आ जाएगी।
एक्स के मेडिसीन विभाग के अध्यक्ष डाॅ नवनीत विग (Dr Navneet Wig) ने कहा कि दिल्ली में आज पाॅजिटिविटी रेट 30% है, मुंबई में एक दिन 26% था और मुंबई में कड़े प्रतिबंध लगाए गए तो पाॅजिटिविटी रेट 14% हो गया। हमें कड़े प्रतिबंध लगाने पड़ेंगे।
बता दें कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बीच मरीजों के परिजन LNJP अस्पताल की व्यवस्था से नाराज दिखे। एक व्यक्ति ने बताया, “मेरा भाई यहां एडमिट है। वह कौन से वार्ड में है कोई बता नहीं रहा है। मैं कल भी आया था। यहां बहुत बुरा हाल है। मरीज रो रहे हैं, मर रहे हैं। यहां कोई सुनवाई नहीं है।”