Farmer Protest : भारत बंद का रहा मिलाजुला असर

प्रदर्शनकारी यूनियनों के संयुक्त संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने दावा किया है कि विभिन्न किसान संगठनों, ट्रेड यूनियनों, छात्र संगठनों, बार संघों, राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने ‘भारत बंद’ के उसके आह्वान का समर्थन किया है।

नई दिल्ली। किसानों के शुक्रवार को भारत बंद का मिलाजुला आंशिक असर रहा। राजधानी दिल्ली में नहीं के बराबर असर दिखा। कुछ राज्यों में किसानों का प्रभाव दिखा। भारतीय किसान यूनियन के नेता रमेश गुप्ता ने बताया कि किसानों के भारत बंद से ठीक पहले प्राइवेट कंपनियों ने उर्वरकों के मूल्य में 300 रुपये प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी कर दी है। इससे किसानों का आक्रोश अचानक बढ़ गया है। देश के लाखों करोड़ों किसान लगभग 4 महीनों से आंदोलनरत हैं लेकिन नरेंद्र मोदी जी को उनसे मिलने, उनकी बातों को सुनने का वक्त नहीं मिल रहा है, लेकिन चुनाव प्रचार करने और विदेश यात्रा करने के लिए उनके पास पूरा वक्त है।

राजधानी में मेट्रो और सड़क परिवहन सेवाओं के प्रभावित होने की कोई खबर नहीं है, जबकि शहर के प्रमुख बाजार भी खुले रहे। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। किसान यूनियनों द्वारा बुलाया गया “भारत बंद” सुबह छह बजे शुरू हुआ। बंद शाम छह बजे तक रहेगा। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को टीकरी बॉर्डर, बहादुरगढ़ सिटी और ब्रिगेडियर होशियार सिंह स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार को कुछ समय के लिए बंद करना पड़ा, लेकिन कुछ ही मिनटों के बाद, स्टेशन यात्रियों के लिए खोल दिए गए।

गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले हुए किसानों ने सुबह दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-9 के एक मार्ग को अवरुद्ध कर दिया, लेकिन दोपहर तक शहर में प्रदर्शनकारियों ने कोई गतिविधि नहीं की। गौरतलब है कि दिल्ली के सिंघू, गाजीपुर और टीकरी बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन के चार महीने पूरे होने पर आज सुबह छह बजे से लेकर शाम छह बजे तक भारत बंद का आयोजन किया जा रहा है। प्रदर्शनकारी यूनियनों के संयुक्त संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने दावा किया है कि विभिन्न किसान संगठनों, ट्रेड यूनियनों, छात्र संगठनों, बार संघों, राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने ‘भारत बंद’ के उसके आह्वान का समर्थन किया है।

शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य प्रमुख सड़कों तथा कई स्थानों पर रेल पटरियों को अवरुद्ध किया। इससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ। पंजाब के अनेक स्थानों पर दुकानें बंद रहीं।वहीं, भारत बंद के समर्थन में हरियाणा में भी कुछ स्थानों पर दुकानें बंद रहीं। पंजाब में सार्वजनिक और निजी परिवहन सड़कों से नदारद रहा। किसान सुबह से ही बठिंडा, लुधियाना, अमृतसर, पटियाला, मोहाली, रोहतक, फिरोजपुर, पठानकोट, झज्जर, जींद, पंचकुला, कैथल, यमुनानगर और भिवानी जिलों सहित दोनों राज्यों में कई जगहों पर कई राजमार्गों और सड़कों पर एकत्र हुए।

हरियाणा बीकेयू के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने शुक्रवार को एक वीडियो संदेश में, प्रदर्शनकारी किसानों से अपील की कि वे आपातकालीन सेवाओं या अति आवश्यक सेवाओं वाले वाहनों और निजी वाहनों में यात्रा करने वाले बीमार व्यक्तियों की सुगम आवाजाही को सुनिश्चित करें। चढूनी ने कहा, “हमें शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन करना चाहिए।” भारत बंद का पंजाब और हरियाणा में रेल सेवाओं पर काफी असर पड़ा।

एसकेएम द्वारा जारी बयान में दावा किया गया है कि विभिन्न किसान संगठनों, ट्रेड यूनियनों, छात्र संगठनों, बार संघों, राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए उसके आह्वान का समर्थन किया है। मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान दिल्ली के सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर करीब चार माह से डेरा डाले हुए हैं। ये किसान तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं और इन्हें पूरी तरह से रद्द करने और अपनी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।