नई दिल्ली। महीना दिन से अधिक हो गया है। नए किसान कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान संगठन लगातार दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। वहीं, कई किसान बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में हैं। आज इन किसानों ने यहां मैदान में एक नया बैनर लगा दिया और इसे किसान पुरा घोषित कर दिया। आंदोलन कर रहे किसान इसे अपना गांव अब बता रहे हैं।
है न रोचक बात। असल में, यहां के किसानों से जब बात की गई, तो उनका कहना है कि हम यहां आज 33 दिन से हैं। सरकार हमारी बात सुन नहीं रही है। ऐसे में हम और कितने दिन यहां रहेंगे, हमें नहीं पता है। यहीं से हमारा हर काम हो रहा है, तो जाहिर है कि यही हमारा गांव बन गया। एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि किसान 33 दिनों से अपनी मांगों को लेकर यहां बैठा है और यहां गांव की तरह बस चुका है, आज गांव का नामकरण किया गया।
दरअसल, किसान एक महीने से अधिक समय पहले सिंघू बॉर्डर पहुंचे थे। दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हजारों किसान कड़ाके की सर्दी के बावजूद अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी है और सिंघू, गाजीपुर एवं टीकरी बॉर्डर पर सैकड़ों सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। इन्हीं सीमाओं पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रदर्शन कर रहे किसानों के संगठनों ने शनिवार को केंद्र सरकार के साथ बातचीत फिर शुरू करने का फैसला किया था और अगले चरण की बातचीत के लिए 29 दिसंबर की तारीख का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने यह भी निर्णय लिया था कि 30 दिसंबर को कुंडली-मानेसर-पलवल राजमार्ग पर ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।