नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने कोरोना और प्रदूषण को लेकर इस साल के लिए भी पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है। पटाखों के भंडारण और बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध की घोषणा स्वयं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की है। इसके साथ ही लोगों का सवाल है कि यह प्रतिबंध केवल कागज पर होगा या इसका पालन भी होगा ? कारण बीते साल भी प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली में दीवाली की रात पटाखों की खूब आवाज सुनाई पड़ी थी।
बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 3 साल से दिवाली के समय दिल्ली के प्रदूषण की खतरनाक स्थिति को देखते हुए पिछले साल की तरह इस बार भी हर प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा रहा है। जिससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सके। पिछले साल व्यापारियों द्वारा पटाखों के भंडारण के पश्चात प्रदूषण की गंभीरता को देखत हुए देर से पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया जिससे व्यापारियों का नुकसान हुआ था। सभी व्यापारियों से अपील है कि इस बार पूर्ण प्रतिबंध को देखते हुए किसी भी तरह का भंडारण न करें।
पिछले 3 साल से दीवाली के समय दिल्ली के प्रदूषण की खतरनाक स्तिथि को देखते हुए पिछले साल की तरह इस बार भी हर प्रकार के पटाखों के भंडारण, बिक्री एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा रहा है। जिससे लोगों की जिंदगी बचाई जा सके।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 15, 2021
गौर करने योग्य यह भी है कि पुरानी दिल्ली के सदर बाजार इलाके सहित कई दूसरे बाजारों में पटाखे पूरे साल मिलता रहता है। यमुना में कई होलसेल की दुकानें हैं। आम लोगों का कहना है कि सरकार केवल कागजों पर प्रतिबंध लगाती है। भाजपा नेता चंदर धवन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बीते साल भी पटाखे पर प्रतिबंध लगाया था। लेकिन हुआ क्या ? खूब पटाखों की आवाज सुनाई पड़ी।