गोदरेज और बॉयस की बियॉन्ड-द-फेंस पहल ग्रामीण और उपनगरीय इलाकों में उपलब्‍ध करवा रही है 10 करोड़ लीटर पानी

कंपनी शिरवाल, महाराष्ट्र में प्रतिदिन 100,000 किलोलीटर से अधिक अपशिष्ट जल का करती है उपचार

मुंबई। गोदरेज एंड बॉयस ने पिछले कुछ वर्षों में, अपने जल संरक्षण लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए कई आक्रामक कदम उठाए हैं। 126 साल पुराना यह संगठन कई अन्‍य कार्यक्रमों के अलावा अपने अनूठे और व्‍यापक जल संरक्षण कार्यक्रम के माध्‍यम से एक हरे-भरे ग्रह के निर्माण की दिशा में निरंतर अपने प्रयास जारी रखे हुए है। जल संग्रहण सुविधा, भूजल स्‍तर रिचार्जिंग और मौजूदा जल निकायों के पुनर्स्थापना में पहल के साथ, कंपनी ने महाराष्‍ट्र, पंजाब और तमिलनाडु में ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों को 10 करोड़ लीटर से अधिक पानी उपलब्‍ध कराया है।
भागीदारी बढ़ाने और परियोजनाओं को स्थिर बनाने के लिए, इस तरह की जल संरक्षण परियोजनाएं स्‍थानीय समुदायों के साथ भागीदारी में चलाई जाती हैं। कंपनी ने चेन्‍नई में थिरुमुल्‍लायवोयल और कोसापुर तालाब को पुनर्जीवित करने के लिए प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता, अरुण कृष्‍णमूर्ति और उनके एनजीओ, एनवायर्नमेंटलिस्‍ट फाउंडेशन ऑफ इंडिया के साथ साझेदारी की है।
एक अन्‍य सामुदायिक तालाब, जिसे कंपनी ने पुनर्जीवित किया है, वह पंजाब के मोहाली में चुन्‍नी कलां गांव में स्थित है। इसने 16.7 लाख लीटर उपयोग योग्‍य पानी की क्षमता वाले तालाब को पुनर्जीवित करने के लिए सहगल फाउंडेशन, स्‍थानीय समुदाय और ग्राम पंचायत के साथ साझेदारी की है। इस तालाब का उपयोग इसके आसपास रहने वाले 10 परिवारों द्वारा किया जा सकता है। तालाब के आसपास के 140 परिवारों को स्‍वच्‍छ वातावरण और अपशिष्‍ट जल निपटान के लिए बेहतर व्‍यवस्‍था मिलेगी।
चेन्‍नई और मोहाली में पुनर्जीवित किए गए प्राकृतिक तालाबों की संयुक्‍त क्षमता लगभग 7.9 करोड़ लीटर जल
की है।
अश्विनी देवदेशमुख, हेड ऑफ सीएसआर, गोदरेज एंड बॉयस, ने कहा, “स्‍थायित्‍व और सामाजिक बदलाव के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप, हमने पिछड़े क्षेत्रों की जल सुरक्षा को मजबूत करने पर ध्‍यान केंद्रित किया है। हमारा परियोजनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि कैसे स्‍थानीय स्‍तर पर किए गए काम हाशिए पर रहने वाले लोगों और समाज के समग्र कल्‍याण में योगदान दे सकते हैं। हमने जिन तालाबों का पुनरुद्धार किया है, वे न केवल समुदायों के लिए स्‍वच्‍छ पेयजल की पहुंच में सुधार करते हैं, बल्कि उन्‍हें भविष्‍य की आपदाओं से भी बचाते हैं। उदाहरण के लिए, चुन्‍नी कलां और कोसापुर में पुनर्जीवित किए गए तालाबों की प्रमुख विशेषताओं में से एक भूजल रिचार्जिंग कुओं का समावेश है, जो भूजल स्‍तर को बेहतर बनाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए, तालाबों को पुनर्जीवित करना, जल भंडारण और निस्‍पंदन सुविधाएं बनाना और अपशिष्‍ट जल का उपचार करना पहुंच को सक्षम करने से कहीं अधिक है- यह एक स्‍वस्‍थ वातावरण बनाता है, जैव विविधता को बढ़ावा देता है, और समुदाय के भीतर स्‍वामित्‍व और जिम्‍मेदारी की भावना पैदा करता है। गोदरेज एंड बॉयस ने महाराष्‍ट्र के खालापुर गांव में चेक-डैम का भी निर्माण किया है। ये बांध मिट्टी के कटाव को रोकने, जल आपूर्ति बढ़ाने और अपने स्‍थानों पर सिंचाई के लिए वाटरशेड को पुर्नस्‍थापित करने में सहायक रहा है।”